बेटी बचाने पर फोकस कर लेते खट्टर तो 'कश्मीरी बहू' नहीं लानी पड़ती

जिसे वो मज़ाक कह रहे हैं वो शर्म की बात है.

कुसुम लता कुसुम लता
अगस्त 10, 2019
मनोहर लाल खट्टर.

# हरियाणा की गुलाम बहुएं

# हरियाणा में बहुओं की खरीद-फरोख्त इतनी आम है कि अब किसी को फर्क भी नहीं पड़ता

# मुझे 50 हजार रुपये में खरीदा गया

# ब्राइड ट्रैफिकिंग हरियाणा का बूमिंग बिजनेस

ये कुछ हेडलाइंस हैं, जो बताती हैं कि हरियाणा में बहुएं खरीदी जाती हैं. बेची जाती हैं. गुलाम बनाकर रखी जाती हैं. बहुओं की बिक्री ने बिजनेस का रूप ले लिया है. ये हेडलाइंस हरियाणा में औरतों के हालात बयां करती हैं. हरियाणा के घरों में झारखंड, उत्तर पूर्व, बंगाल, बिहार से आई कई बहुएं मिल जाएंगी. ये हम नहीं रिपोर्ट्स कहती हैं.

मनोहर लाल खट्टर. हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं. फतेहाबाद में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में वैसे तो उन्होंने काफी कुछ कहा. लेकिन दो ऐसी बातें कहीं जिन पर चर्चा होना जरूरी है.

पहली बात- खट्टर ने बताया कि हरियाणा में सेक्स रेशियो यानी लिंगानुपात बढ़ा है. यह अब 933 हो गया है. लेकिन कुछ दिनों पहले सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) रिपोर्ट आई थी. SRS को भारत सरकार का जनगणना विभाग हैंडल करता है.

उस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 से 2017 के बीच हरियाणा में सेक्स रेशियो ऐट बर्थ 833 रहा. यानी इन तीन सालों में 1000 लड़कों पर केवल 833 लड़कियां पैदा हुईं. SRS के मुताबिक, हरियाणा के सेक्स रेशियो में 2011-13 की तुलना में 2015-17 में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.

2011 की जनगणना के मुताबिक, हरियाणा का सेक्स रेशियो 879 था, जो कि देश के औसत 940 से काफी कम है.

 लिंगानुपात में कमी की वजह से हरियाणा में लड़कियों की कमी हो गई है. इसी पर चर्चा करते हुए खट्टर ने कहा, ‘हमारे मंत्री धनखड़ पहले कहते थे कि बिहार से बहू लाएंगे. अब लोग कहने लगे हैं कि कश्मीर का रास्ता बन गया है. अब कश्मीर से बहू लाएंगे.’

खट्टर ने बाद में कहा कि इस बात को मज़ाक के तौर पर लेना चाहिए.

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उनके इस बयान से तीन बातें और निकलती हैं-

पहली बात- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 इसलिए नहीं हटी है कि दूसरे राज्यों के लड़के वहां की लड़कियों से शादी कर सकें. न ही कश्मीर की लड़कियां इसी दिन के इंतजार में थीं. कि 370 हटे और वो बाहर शादी कर सकें. एक बड़े राजनीतिक मुद्दे पर इस तरह की बातें शर्मनाक हैं. वो भी जब खुद किसी राज्य के मुख्यमंत्री ऐसी बात करें.

दूसरी बात- ये मजाक की बात नहीं है. एक तरफ आप कश्मीर को अपना कहते हैं, और दूसरी तरफ वहां की लड़कियों के लिए इस तरह की टिप्पणी. क्या आप किसी भी शख्स को पकड़कर उनसे कह सकते हैं कि उनकी बेटी या बहन को अपनी बहू बनाएंगे.

तीसरी और सबसे बड़ी बात. जैसा कि आपने कहा हरियाणा में हालात इतने खराब हैं कि आपको बिहार से बहू लानी पड़ती है. बिहार ही नहीं, उत्तर पूर्वी राज्यों, झारखंड, पश्चिम बंगाल, इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के पिछड़े इलाकों से हरियाणा में बहू लाई जाती है. माफ कीजिएगा. बहू लाई नहीं जाती, खरीदी जाती है. उनकी कीमत दी जाती है. और उसी बहू की कोख से जब बेटी पैदा होती है तो उसे मार दिया जाता है.

हरियाणा में बहुओं की खरीद-फरोख्त कितनी आम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए अलग से विकिपीडिया पेज भी है. 'ब्राइड ट्रैफिकिंग इन हरियाणा' नाम से. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की इस साल जनवरी में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के हर गांव में औसत दस शादीशुदा औरतें ऐसी हैं जिन्हें दूसरे राज्यों से खरीद कर लाया गया है. खरीदकर लाई गई दुल्हनों को पारो या मोलकी बहू बुलाया जाता है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और न्यूज 18 डॉट कॉम की दो अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा में आदमी आपस में भी पत्नियों की खरीद-बिक्री करते हैं. 'सेल एंड रीसेल'. यानी एक ने खरीदा. जब उसकी जरूरतें पूरी हो गईं, बेटा पैदा हो गया, मन भर गया या पैसों की जरूरत पड़ गई तो वो अपनी पत्नी को किसी और को बेच देता है. यह क्रम सालों साल चलता रहता है. तब तक जब तक औरत बच्चा पैदा करने के लायक नहीं रह जाती. मानो वो औरत नहीं, खूंटे पर बंधी कोई गाय हो.

ये पूरे हरियाणा के लिए शर्म की बात है. और प्रदेश के मुखिया हंस-हंसकर भरी सभा में यह कह रहे हैं. और सफाई दे रहे हैं कि वो तो मज़ाक कर रहे थे. एक ऐसा समाज जहां बेटियों का स्वागत नहीं होता, बहुएं खरीदी जाती हैं, दूसरे राज्यों से मंगाई जाती हैं. वहां के मुखिया से हम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि वो बोलते वक्त संवेदनशीलता का परिचय देंगे.

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