रेप-हत्या के बाद भतीजी के शव से रेप किया, अब कभी जेल से बाहर नहीं निकल सकेगा
3 उम्रकैद, 26 साल का सश्रम कारावास. सभी सज़ाएं अलग-अलग चलेंगी.
केरल में एक शख्स ने अपनी ही सात साल की भतीजी से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी. विशेष पॉक्सो कोर्ट ने उसे तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसे 26 साल सश्रम कारावास का दंड दिया गया है. कोर्ट ने उसे 3.20 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर देने का आदेश भी दिया है. ये सजा पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत के प्रभारी और कोल्लम के एडिशनल सेशन जज ई बैजू ने सजा सुनाई है.
16 जुलाई को ये फैसला आया. अदालत ने 27 साल के राजू (बच्ची की पहचान छुपाने के लिए दोषी का नाम बदल दिया है) को बच्ची से रेप, हत्या, अननेचुरल सेक्स, किडनैपिंग और शव के साथ बर्बरता और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी माना. कोर्ट ने साफ किया कि दोषी को तीन आजीवन कारावास और 26 साल की सजा अलग-अलग भुगतनी होगी.
घटना 27 सितंबर 2017 की है. दोषी राजू बच्ची का चाचा है. वह केरल में आंचल नाम की जगह पर बच्ची के परिवार के साथ ही रहता था. घटना वाले दिन बच्ची अपनी दादी के साथ स्कूल जा रही थी. रास्ते में राजू मिल गया. उसने कहा कि वह बच्ची को स्कूल छोड़ देगा. बच्ची की दादी घर लौट गई.
राजू बच्ची को ऑटोरिक्शा में बैठाकर 16 किलोमीटर दूर कुलातुपुझा में खेत में ले गया. वहां उसने बच्ची के साथ रेप किया. फिर उसकी हत्या करके बच्ची के शव के साथ रेप किया. इसके बाद उसने बॉडी को खेत में ही फेंक दिया. बच्ची जब घर नहीं पहुंची तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की. पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने राजू को कुलातुपुझा के जंगल से पकड़ा. पूछताछ में उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया.
बच्ची के वकील ने दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की थी. लेकिन जजों ने उसकी उम्र का हवाला देते हुए फांसी को तीन उम्रकैद और 26 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
दोषी को सजा मिल गई. लेकिन एक बच्ची ने अपना बचपन और जान दोनों गंवा दिए. एक परिवार ने वो खो दिया, जिसे दोबारा नहीं पाया जा सकता.
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