केरल नन रेप केस: आरोपी बिशप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली नन को चर्च ने निकाला

केस में 4 नन का ट्रांसफर और अहम गवाह की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो चुकी है.

नेहा कश्यप नेहा कश्यप
अगस्त 08, 2019
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सिस्टर लूसी कलाप्पुरा

केरल नन रेप केस में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली नन, सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को उनकी धर्मसभा से बाहर कर दिया गया है. ये धर्मसभा है फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेगेशन (FCC). इसका मतलब है कि अब वो नन नहीं रहेंगी. लूसी पर नियमों के विपरीत ड्राइविंग लाइसेंस लेने, कार खरीदने, पैसा उधार लेने, कविता की किताब छपवाने और जानकारी के बिना पैसा खर्च करने, नन की ड्रेस न पहनने, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने जैसे 14 आरोप लगाए गए हैं.

इस रेप केस में जालंधर का आर्चबिशप फ्रांको मुलक्कल मुख्य आरोपी है. और लूसी कलाप्पुरा उन पांच ननों में शामिल हैं, जिन्होंने रेप का आरोप लगाने वाली नन के समर्थन में कोच्ची हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था.

bishop-franco-mulakkal-pti10_16_2018_000158b_080819074208.jpgगिरफ्तार होने के तीन हफ्तों बाद ही बिशप को ज़मानत मिल गई थी.

इसके बाद उन्हें चर्च से नोटिस आने लगे. 5 अगस्त को एफसीसी के सुपीरियर जनरल एन जोसेफ ने लूसी के नाम एक लेटर लिखा. कि लूसी ने नियमों को तोड़ने की स्पष्ट वजह नहीं बताई. और न ही उन्हें इसका पछतावा है.

इससे पहले जिन चार नन ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल के विरोध में प्रदर्शन किया था, उनका ट्रांसफर कर दिया गया था. उन्हें नोटिस जारी करके बताया गया था कि उन्हें वापस वहां भेजा जा रहा है, जहां से वो आईं थी. ये चारों नन हैं- सिस्टर एल्फी पल्लास्सेरिल, अनुपमा केलामंगलाथुवेलियिल, जॉसेफिन विल्लून्निक्कल और अंचिता.

kerala_080819073958.pngकेरल में बिशप के खिलाफ प्रोटेस्ट करती नन की तस्वीर.

इस नोटिस पर नन लूसी ने कहा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया और न ही नियम तोड़ा है. वह जगह छोड़कर नहीं जाएंगी और इस नोटिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगी.

क्या है पूरा मामला

मई 2014 में मुलक्क्ल पर चर्च की नन ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में केरल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. नन ने बिशप पर आरोप लगाया था कि बिशप ने उसका रेप किया था. दो सालों तक बार-बार वो नन का रेप करता रहा. नन ने चर्च में शिकायत भी कि पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. आखिर में उसे पुलिस के पास आना पड़ा. 21 सितंबर को मुलक्कल को गिरफ्तार किया गया था. जब उसे ज़मानत मिली तो समर्थकों ने फूल बरसा कर उसका स्वागत किया था. इस केस में एक गवाह रहे जालंधर के एक पादरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. बिशप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली ननों का ट्रांसफर हो चुका है.

ये भी पढ़ें- औरतों की कामुकता पर खुलकर बात करता विज्ञापन अखबार में देखना अच्छा लगता है

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group