'केदारनाथ' ट्रेलर: पहले से बेहतर और मजबूत दिख रही हैं सारा अली खान
ये फिल्म तय करेगी कि सैफ और अमृता की बेटी से इतर वो अपनी पहचान बना पाती हैं या नहीं.
केदारनाथ फिल्म का ट्रेलर 12 नवंबर को रिलीज़ हुआ. 29 अक्टूबर को रिलीज़ हुए इस फिल्म के टीज़र से काफी बेहतर है ये. टीज़र में जिन मुद्दों पर असमंजस बना हुआ था वो ट्रेलर में काफी हद तक सुलझता दिखता है.
ट्रेलर में लोकेशंस बेहद खूबसूरत दिखाई गई हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
ट्रेलर की खास बातें-
1. धर्म का नॉर्मालाइज़ेशन, समानता की बात
ट्रेलर का ये पहलू सबसे मजबूती से उभर कर सामने आता है. धार्मिक कट्टरता के माहौल में इस तरह की फिल्म का बनना सुखद है. हमने बॉलीवुड की अधिकतर फिल्मों में भी धर्म के नाम पर लड़ाई-झगड़े देखे हैं पर ये फिल्म धर्म को कट्टरता के नहीं समानता और प्रेम के भाव से दिखाती है.
धर्म का सुखद पहलू दिखाती फिल्म. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
एक मुस्लिम युवक केदारनाथ मंदिर में पिट्ठू का काम करता है. वहां आने वाले लोगों की खुशियों में शामिल होता है. जब उससे सवाल किया जाता है कि तुम कहां से आ गए हमारे बीच तो वो कहता है-
'हम तो हमेशा से यहां हैं. पुश्तें हमारी सेवा करती आई हैं. श्रद्धा में हम उनकी शामिल हुए हैं. कंधे पर बिठाकर तीर्थ कराया है और ये बात हमारे-आपकी नहीं है. पूरे केदारनाथ की है.'
हिन्दू न होते हुए भी उनकी खुशियों में शामिल होता पिट्ठू. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
यही संदेश ये फिल्म देती दिख रही है कि बात हमारे-आपकी नहीं है, सबकी है, पूरे देश की है. भारत में सालों से अलग-अलग धर्मों और मान्यताओं के लोग एक साथ रहते आए हैं. यही तो यहां की खासियत है. कोई भी एक धर्म प्रधान कैसे हो सकता है? फिर इंसानियत से बड़ा तो कोई धर्म नहीं. ट्रेलर से ऐसा लगता है कि फिल्म के ज़रिए कट्टर विचारों को तोड़ने की कोशिश की गई है और इसे बढ़ावा देने की ज़रूरत है. मुस्लिम धर्म के लोगों को अक्सर कट्टर बना कर पेश किया जाता है, ये फिल्म ऐसा करती नहीं दिखती और ये एक अच्छी बात है.
केदारनाथ के ट्रेलर में प्यार हर तरफ नज़र आता है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
2. प्यार
बॉलीवुड की अधिकतर फिल्मों की तरह केदारनाथ भी एक लव स्टोरी है. ऐसे प्यार की कहानी जो दो अलग धर्म के लड़के-लड़की को होता है. भिन्नताओं के बावजूद वो प्यार करने की हिम्मत करते हैं और उसके लिए लड़ते हैं. दो लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं और उसके लिए लड़ते हैं, घर से, समाज से, प्रकृति से भी पर हार नहीं मानते.
प्यार के लिए लड़ने की हिम्मत दिखाते हैं दोनों. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
3. सारा खान की एक्टिंग
केदारनाथ ट्रेलर से एक बात तो साफ है कि सारा खान महज़ शो पीस की तरह नहीं हैं फिल्म में. टीज़र में जहां वो केवल खूबसूरत नज़र आती हैं तो वहीं ट्रेलर में उनके किरदार की मजबूती दिखाई देती है. वो अपने प्यार के लिए लड़ने की हिम्मत रखती हैं.
सारा खान की एक्टिंग का हर पहलू खुलकर सामने आता है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
जब कोई उनके रिश्ते को नहीं मानता और यहां तक कि सुशांत सिंह राजपूत (का किरदार) भी हार मानने की कगार पर पहुंच जाता है और कहता है - 'कोई कबूल नहीं करेगा इस रिश्ते को' तो वो पलट कर पूछती है- 'तुम करोगे?'.
जब उसके पापा कहते हैं कि 'नहीं होगा ये संगम, चाहे प्रलय ही क्यों न आ जाए.' तो वो कहती है- 'तो जाप करूंगी कि आए.'
सारा अपने प्यार के लड़ती नज़र आती हैं ट्रेलर में. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
इस डायलॉग पर भी बवाल मच गया है. लोग इस ही को ट्रोल करने लगे हैं. सारा अली खान की एक्टिंग और उनके किरदार की स्ट्रेंथ दोनों ही ट्रेलर में खूबसूरती से दिखाई देती है.
केदारनाथ का डायरेक्शन अभिषेक कपूर ने किया है.
फिल्म के ट्रेलर में तकनीक का प्रयोग और बेहतर दिखता है. वीएफएक्स का बढ़िया उपयोग हुआ है. लोकेशंस बहुत सुंदर हैं.
केदारनाथ की खूबसूरत लोकेशंस. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
फिल्म का ट्रेलर-
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