'केदारनाथ' के टीज़र की वो आपत्तिजनक बात जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया

क्यों लड़कियों को ऐसे दिखाना नहीं छोड़ रहीं बॉलीवुड की बड़ी फिल्में?

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
अक्टूबर 30, 2018
'केदारनाथ' 7 दिसंबर 2018 को रिलीज़ हो रही है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

केदारनाथ मूवी का टीज़र 29 अक्टूबर को रिलीज़ हुआ. टीज़र रिलीज़ होते ही लोगों की खूब टिप्पणियां आ रही हैं. किसी को फिल्म अच्छी लग रही है, तो किसी को नहीं. किसी की सांप्रदायिक भावनाएं आहत हो रही हैं कि एक मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की लव स्टोरी कैसे दिखाई जा रही है. इन सबके बीच एक ज़रूरी बात है जिस पर हम सबका ध्यान जाना चाहिए. वो है इस बड़े बजट की कमर्शियल फिल्म में सारा अली खान के किरदार का चित्रण.

5_750x400_103018085644.jpgसारा अली खान 'केदारनाथ' से डेब्यू कर रही हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

सबसे पहले बात टीज़र की-
साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में भयंकर बाढ़ आई थी. ये फिल्म उसी बाढ़ और उसमें फंसे एक प्रेमी जोड़े की कहानी है. सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान ने ये रोल निभाए हैं. सुशांत सिंह राजपूत एक मुस्लिम लड़के के रोल में हैं और सारा अली खान एक बड़े रईस घर की हिंदू बेटी. ये लड़की परिवार के साथ केदारनाथ दर्शन के लिए जाती है. वहां उसे मिलता है सुशांत का किरदार जो पिट्ठू है. वो लोगों को अपनी पीठ पर बैठा कर पहाड़ों की चढ़ाई करता है. टीज़र में वो अपने कंधे पर लाद कर उस लड़की को केदारनाथ ले जाता दिखता है. फिर वहां तबाही फैलाने वाली बाढ़ आ जाती है. दोनों को प्यार हो जाता है. कैसे वो इस तबाही का सामना करते हैं, ये कहानी के केंद्र में है. टीज़र देखने से कुछ ऐसा ही लगता है.

3_750x400_103018085731.jpgसुशांत सिंह राजपूत इस फिल्म में पिट्ठू के किरदार में नज़र आएंगे. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

'केदारनाथ' का निर्देशन किया है अभिषेक कपूर ने जो इससे पहले 'रॉक ऑन', 'काई पो छे' और 'फितूर' जैसी फिल्में बना चुके हैं. इस फिल्म को रॉनी स्क्रूवाला ने प्रोड्यूस किया है. इसकी कहानी लिखी है कनिका ढिल्लों ने. कनिका ने हाल ही में रिलीज हुई 'मनमर्ज़ियां' की कहानी भी लिखी थी.
ये फिल्म 7 दिसंबर को रिलीज़ हो रही है.
अभी तक 'केदारनाथ' का टीज़र नहीं देखा तो पहले देख लीजिए- 
फिल्म के टीज़र की तारीफ करना बनता है. टेक्नीकली बहुत अच्छा है. वीएफएक्स का खूबसूरत प्रयोग हुआ है. किरदारों के लुक्स अच्छे हैं. कहानी भी ग्रिपिंग लग रही है. ठेठ बॉलीवुड लव स्टोरी, रुकावटों और रहस्य के तड़के के साथ.

capture_750x400_103018085825.jpgवीएफएक्स का बेहतरीन इस्तेमाल हुआ है फिल्म में. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

तो ध्यान देने वाली बात क्या है? और उस बात से आपत्ति क्या है? 
दरअसल ये फिल्म भी 'एक था राजा, एक थी रानी' वाले ढर्रे पर ही बनी लगती है. टीज़र और फिल्म से जुड़ी दूसरी जानकारियों से लगता है कि 'केदारनाथ' भी उसी स्टीरियोटाइप पर चलती है जिसमें एक हीरो होता है जो माचो टाइप है और वो अपनी हीरोइन को बचाता है. उस हीरोइन को जो संभवतः छुई-मुई है. उसका अस्तित्व ही बचाए जाने के लिए है. कहानी आगे ही नहीं बढ़ सकती अगर उस पर मुसीबत न आए और हीरो न बचाए. भले ही फिर ये मुसीबत केदारनाथ बाढ़ जैसी असल त्रासदी की ही क्यों न हो, जहां मुसीबत में औरतों के साथ अनेकों पुरुष भी फंसे थे और उन्हें दूसरे औरतों-आदमियों के प्रयासों के बाद ही बचाया जा सका.

8_750x400_103018085920.jpgकेदारनाथ में हुई त्रासदी में हज़ारों लोगों की जान चली गई थी. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

सारा खान की ये पहली फिल्म है. वो बॉलीवुड के स्टार सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी हैं. अब तक वे चर्चा में रही हैं तो अपनी ग्लैमरस ड्रेसेज़ के लिए, अपने जिम लुक के लिए और स्टार किड होने के लिए.
उन्हें लॉन्च इस फिल्म से किया जा रहा है और इसके लिए इससे बेहतरीन प्लॉट शायद ही हो. खूबसूरत, रईस, नाज़ुक सी लड़की. जिसका काम है सुंदर लगना. माशा-अल्लाह, वो इस काम को बेहद संजीदगी से करती दिख रही हैं. लेकिन प्रश्न यहां ये है कि किसी भी स्टार किड को या किसी भी महिला किरदार को पहले कोई स्ट्रॉ़न्ग कैरेक्टर क्यों नहीं दिया जाता? मतलब क्यों एक लड़की किसी मजबूत लड़की के किरदार के साथ बॉलीवुड में डेब्यू नहीं कर सकती?

4_750x400_103018092056.jpgइस फिल्म में सुशांत सारा को बचाते नज़र आ रहे हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब 

ऐसा कभी नहीं होता. दीपिका पादुकोण की पहली फिल्म थी 'ओम शांति ओम'. इसमें वो एक नाज़ुक, मजबूर और कॉस्मेटिक एक्ट्रेस के रोल में थीं जो कार से निकलकर दिलकश तरीके से हाथ हिलाने के लिए याद की गईं.

2_103018092205.jpgदीपिका पादुकोण 'ओम शांति ओम' में. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

आलिया भट्ट ने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में रईस, बिगड़ैल, डॉल टाइप रोल से डेब्यू किया. हाल के वर्षों में 'पिंक', 'मुल्क' और 'नाम शबाना' जैसे मजबूत रोल करने वाली तापसी पन्नू ने साउथ की फिल्म से डेब्यू किया जहां डायरेक्टर ने उनको मर्दों की फैंटेसी बनाकर पेश किया. प्योर ऑब्जेक्ट ऑफ डिज़ायर.
अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर का 'सांवरिया' डेब्यू हो या सुनील शेट्टी की बेटी अथिया का 'हीरो' वाला डेब्यू, ऐसे सभी स्टार किड के लॉन्च विशुद्ध रूप से कमर्शियल रहे हैं. जहां उन्हें एक प्रोडक्ट के तौर पर लॉन्च करने के लिहाज से प्लान किया गया. इस चक्कर में एक मजबूत महिला रोल करना हमेशा पीछे छूटता गया. हालांकि, करियर में बाद में इनमें से कई एक्ट्रेस ने मजबूत रोल किए भी लेकिन सभी ऐसा नहीं कर पाईं.

1_103018092304.jpgसोनम कपूर 'सांवरिया' में एक नाज़ुक सी कन्या बनी नज़र आई थीं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

'केदारनाथ' में सारा अली खान के ऐसे लॉन्च से हमें बहुत आपत्ति है जहां उन्हें एक मजबूत, सक्षम लड़की के रूप में पेश करने के बजाय एक कंज्यूमेबल वस्तु बनाकर प्रस्तुत करने का खतरा दिखता है. फिल्म के फर्स्ट लुक फोटोज़ काफी पहले आए थे जहां सारा 'खूबसूरत', मासूम, नाज़ुक गुड़िया जैसी दिख रही थीं.

6_750x400_103018092422.jpgसारा 'केदारनाथ' में वही बॉलीवुड की घिसी-पिटी छवि लिए दिख रही हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

ये बॉलीवु़ड के कॉमर्स का एक योजनागत ट्रेंड है जिसमें लड़कियों का इस्तेमाल सजावट की वस्तुओं के तौर पर होता है या फिर हीरो की आर्म कैंडी के तौर पर. अभी तक की जानकारी में तो सारा भी ऐसी ही लड़की लग रही हैं जो कि बुरा समाचार है. इससे भी खेदजनक ये है कि इस चलन पर किसी की नजर नहीं जाती. हम सब एक के बाद एक टीज़र देखते जाते हैं और उसके 'एंटरटेनमेंट' को एंजॉय करके आगे बढ़ते जाते हैं, और ज़मीनी स्तर पर कभी चेंज या बराबरी आ नहीं पाती. आती भी है तो रेंगने वाली रफ्तार से.

2_750x400_103018092551.jpgमुश्किलों में प्यार को दर्शाती एक और बॉलीवुड फिल्म- 'केदारनाथ'. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

जब आप 'केदारनाथ' देखने जाएं तो रोल रिवर्सल करके देखें. ये करके देखें कि क्या इस बाढ़ में इस लड़की (सारा की कैरेक्टर) को फाइटर बनाकर नहीं दिखाया जा सकता था जो कमांडो बनकर, प्रशासनिक अधिकारी बनकर या स्वतंत्र तौर पर लोगों की जान बचा रही होती, न कि किसी हीरो द्वारा बचाए जाने का इंतजार करती. क्यों न वो 'हीरो' ही उस लड़की द्वारा बचाए जाने का इंतजार कर रहा होता?

 

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