कविता सिंह: शहाबुद्दीन के गढ़ में चुनौती देने उतरीं, लाख मतों के अंतर से जीत गईं
शादी के गिफ्ट में पहले चुनाव का टिकट मिला था
2011 साल था. महीना था जुलाई. जगह थी, बिहार का दरौंदा. यहां से दो बार की विधायक थीं जगमातो देवी. उनका निधन हो गया था. अब वहां उपचुनाव होने थे. नीतीश की सरकार चल रही थी. जगमातो देवी के बेटे अजय सिंह नीतीश कुमार के पास पहुंचे. कहा, इस सीट से मुझे लड़ने की इजाज़त दी जाए. जदयू वाले सांसत में आ गए. अजय सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड परेशान कर देने वाला था. करीब तीस मामलों में संगीन आरोप थे. जदयू ने मना कर दिया टिकट देने से.
फिर नीतीश कुमार ने आईडिया सुझाया.
शादी कर लो. पत्नी को चुनाव लड़ा दो.
अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को शादी के तुरंत बाद नॉमिनेशन भरना था.
अजय सिंह ने शादी के लिए लड़की ढूंढना शुरू किया. लेकिन कोई रिश्ता ठीक-ठीक बैठा नहीं. शादी तुरंत करनी थी. पितृपक्ष चल रहा था. हिन्दुओं में साल के इस टाइम पर शादी नहीं करते. कोई भी शुभ काम नहीं करते. तिसपर से कोई भी परिवार डॉन को बेटी देने में हिचक रहा था. हारकर अखबार में एड दिया. दुल्हन के लिए क्वालिफिकेशन ये थी:
- वोटर लिस्ट में नाम हो.
- उम्र 25 वर्ष से ऊपर हो.
- वोटर आईडी कार्ड हो.
- राजनैतिक बैकग्राउंड वाले परिवार से हो तो और भी बेहतर
बस क्या. 16 दूसरे कैंडिडेट्स के साथ साथ वहां पहुंची कविता सिंह. जयप्रकाश यूनिवर्सिटी, छपरा की स्टूडेंट थीं. वही छपरा जहां के जिला विद्यालय से भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद पढ़े थे. पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थीं, जब ये एड देखा. इंटरव्यू हुआ. शादी के लिए. पास हो गईं. डॉन की बीवी बन गईं. पितृपक्ष में शादी करके वैसे ही ख़बरों में आ गई थीं. अजय सिंह शादी के तुरंत बाद नीतीश कुमार से आशीर्वाद लेने पहुंचे.
आशीर्वाद काम आया, या जगमातो देवी की वहां मौजूद पॉपुलैरिटी, या नई बहू के साथ लोगों की सिम्पथी, पर कविता सिंह वो चुनाव लगभग बीस हजार वोटों से जीत गईं. यही नहीं, 2015 में जब विधानसभा चुनाव हुए, तब भी जीत गईं. अब लोकसभा चुनाव में सिवान की सीट से लड़ीं. क्योंकि ये सीट जदयू के खाते में गई. और जदयू ने उन्हें अपना कैंडिडेट बनाया. इस सीट पर उनके सामने थीं हिना शहाब. कुख्यात हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी.
एक सवाल के जवाब में कविता सिंह ने कहा कि उनकी दुश्मनी किसी से नहीं है. वो सिवान में हो रहे जुल्म के खिलाफ खड़ी हो रही हैं.
इस लोकसभा चुनाव में कविता सिंह ने हिना शहाब को 1,16,958 मतों के अंतर से हरा दिया है.
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