ये राजकुमारी कौन हैं जो राजस्थान के चुनाव में उतरी हैं?

इनको टिकट मिलते ही इतना बवाल क्यों मच गया है?

ये राजकुमारी कौन हैं जो राजस्थान के चुनाव में उतरी है?राजस्थान से मेरा परिवार है. जड़ें अलवर की. वहां से यूपी बिहार झारखण्ड आना हुआ. लेकिन आज भी किसी को बताऊं कि राजस्थान से हूं तो पहला रिएक्शन आता है, ‘तुम्हारे पूर्वज राजा महाराजा थे क्या?’. इमेज ही ऐसी बन गई है राजस्थान की कि वहां सभी रजवाड़े ही होंगे. ऐसा नहीं होता. वैसे भी सामंतवाद के दिन चले गए हैं, इसे पीछे छोड़ देना चाहिए. लेकिन वो तो होगा नहीं हमसे. खैर, बात हो रही थी ये कि रजवाड़ों से सम्बन्ध रखने वाले लोग आज लोकतंत्र के समय में भी खुद को हिज हाइनेस /हर हाइनेस कहलवाते हैं. दुआरे हाथी झूमता है. नाम के आगे युवराज और युवरानी लगाते हैं. प्रिंस और पर्शिया की तर्ज पर प्रिंस ऑफ जयपुर  और क्वीन ऑफ झालरापाटन चलता रहता है. आम बात है.

राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इसी रजवाड़े परिवार में से इस बार कोटा से टिकट लड़ने उतरी हैं युवरानी कल्पना देवी साहिबा. असम में पैदा हुईं . 9 अगस्त 1969 को. शुरूआती पढ़ाई महारानी गायत्री देवी स्कूल से हुई. जयपुर से सबसे जाने माने स्कूलों में से एक है. वहां की राजमाता गायत्री देवी ने लड़कियों की पढ़ाई के लिए बनवाया था. उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी आ गईं, यहां के लेडी इरविन कॉलेज से पढ़ाई करने. इनके पिता थे कुंवर श्री रामेश्वर सिंह, मां कुंवरानी कमलेश कुमारी जोधपुर के कर्नल महाराज श्री प्रेम सिंह जी साहिब की छोटी बेटी थीं.

kalpana-1_750_112018074528.jpgतस्वीर: फेसबुक

शादी हुई महाराज कुमार इज्यराज सिंह साहिब बहादुर से जो कोटा के युवराज हैं. इन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत कर सांसद बने थे. कल्पना देवी का भाजपा से टिकट लेकर लड़ना एक चौंकाने वाली बात बाहर वालों के लिए होगी, लेकिन उलटफेर की कहानी कुछ समय पहले से लिखी जा रही थी. इज्यराज को जब कांग्रेस से इस बार टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने अपनी पत्नी के लिए भाजपा से टिकट की बातचीत शुरू कर दी थी.

ijya_750_112018074621.jpgइज्यराज सिंह. गुलाबी शर्ट में आगे चलते हुए. तस्वीर: फेसबुक

भाजपा ने दूसरी सभी जगहों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी, लेकिन लाडपुरा की सीट के प्रत्याशी का नाम नहीं घोषित किया था. यहां इस सीट से इस वक़्त भाजपा के नेता भवानी सिंह राजावत विधायक हैं. कल्पना देवी के नाम की घोषणा होने के बाद उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा और कहा कि जो व्यक्ति कांग्रेस से टिकट मांग रहा था, उसे भाजपा के नाम पर लोगों के सामने कैसे पेश करेंगे. फिलहाल ये बात चल रही है कि भवानी सिंह राजावत निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. कहा ये भी जा रहा है कि भाजपा ने ये कदम राजपुर वोटरों को खुश करने के लिए उठाया है, लेकिन भवानी सिंह राजावत भी राजपूत हैं. ऐसे में राजपूत वोट बैंक की बात करना कुछ जम नहीं रहा है कई राजनीतिक विश्लेषकों को.  

 

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