दो जांबाज महिला ऑफिसर्स ने जम्मू-कश्मीर में जान पर खेलकर बचाव मिशन पूरा किया
दोनों ने बेहतरीन को-ऑर्डिनेशन का परिचय देते हुए सेना के दो जवानों की जान बचाई है.
जम्मू-कश्मीर में दो महिला ऑफिसर्स ने एक बेहद ही मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इसे कश्मीर के सबसे खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशंस में से एक माना जा रहा है. इन दोनों में से एक लेह की डिविजनल कमिश्नर अन्वी लवासा है जबकि दूसरी भारतीय वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुरभि सक्सेना हैं. इन दोनों ने बेहतरीन को-ऑर्डिनेशन का परिचय देते हुए सेना के दो जवानों की जान बचाई है.
पहले जान लेते हैं मामला क्या है.
18 जुलाई को पर्वतारोहियों का एक दल लद्दाख के स्टोक कांगड़ी से वापस लौट रहा था. जिस रस्सी के सहारे वो लोग वापस लौट रहे थे वो टूट गई जिसके चलते वो लोग फिसल गए. इनमें सेना के जवान भी शामिल थे. इस दौरान दो जवान कैप्टन अंकित सिरोही और नेवी कमांडर सुभीर कुमार सिंह घायल हो गए. स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे, उन्होंने तुरंत जिला प्रशासन से संपर्क किया.
इसके बाद तुरंत एक्शन लेते हुए डिविजनल कमिश्नर अन्वी लवासा ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पूरी सरकारी मशीनरी को रेडी किया. उन्होंने ग्राउंड रेस्क्यू शुरू करवाया वायुसेना की मदद मांगी. इस दौरान स्थानीय गाइड्स ने प्लेन जगह खोजकर घायल जवानों को शिफ्ट कर दिया था.
सांकेतिक फोटो
इसके बाद पायलट सुरभि सक्सेना ने अपना काम शुरू किया. सुरभि उस इलाके की एकमात्र महिला पायलट हैं, वह सियाचीन तक भी फ्लाई कर चुकी हैं. इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरभि ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरी. पहले प्रयास में सुरभि लैंडिंग करने में सफल नहीं हुईं. दूसरे प्रयास में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग हो पाई जिसके बाद घायल जवानों को रेस्क्यू किया गया.
एक ट्रेकिंग कंपनी के ऑर्गनाइजर जयो ताशी नुरबू जय ने कहा, 'मैंने अब तक जितने रेस्क्यू देखे हैं उनमें ये सबसे मुश्किल भरा था. आमतौर पर एक-दो लोग ही फंसे होते हैं लेकिन इस बार 6 लोग फंसे थे जिनमें दो घायल थे. 100 से ज्यादा लोग रेस्क्यू में जुटे थे.'
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