5 साल की बच्ची का रेप हुआ, रेप करने वाले लड़कों की उम्र 11 और 13 है
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत दोनों को करेक्शन रूम में भेजा गया है.
11 और 13 साल के लड़कों ने एक छोटी सी 5 साल की बच्ची का रेप किया है.
ये आपकी आंखों से गुजरने वाला आज का सबसे खतरनाक वाक्य है.
मामला कापसेहेड़ा का है, जो दिल्ली का दक्षिणी इलाका है. यहां की एक पांच साल की बच्ची का रेप किया. वो भी 11 और 13 साल के दो नाबालिग बच्चों ने. ये घटना एक पार्क की है. जब उन दोनों बच्चों ने उस बच्ची को एक टॉफी का लालच दिया.
हुआ यूं कि बच्ची अपने परिवार के साथ कापसहेड़ा की झुग्गी में रहती थी. उसके पिता मजदूर हैं, जो ठेके पर काम करते हैं. मंगलवार की शाम बच्ची पड़ोस में कुछ बच्चों के साथ खेल रही थी. वो दोनों लड़के बच्ची को जानते थे. उसे टॉफी के बहाने एकांत जगह पर ले गए और उसका रेप किया.
पुलिस के मुताबिक, जब वो घर नहीं आई. काफी देर हो गई. तब उसकी मां ने इधर-उधर खोजा. पर वो नहीं मिली. 10-15 मिनट बीत चुके थे. उसके बाद उन्होंने देखा कि दो लड़के उसकी बेटी का रेप कर रहे हैं. महिला ने आवाज लगाई, तो वो दोनों वहां से भाग गए.
उसके बाद महिला ने आस-पड़ोस के लोगों को इस मामले की जानकारी दी. और पुलिस को भी सूचना दी. पुलिस ने उस लड़की को मेडिकल टेस्ट करवाया. उससे कंफर्म हुआ कि बच्ची का रेप हुआ है. पुलिस की टीम ने उसी दिन आस-पास के इलाके से दोनों लड़कों को पकड़ लिया.
डीसीपी देवेंद्र आर्या ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट और बच्ची की मां के स्टेटमेंट के आधार पर गैंगरेप का केस रजिस्टर्ड किया गया है. आईपीसी की धारा 376डी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है. लड़कों को पकड़ कर जुवेनाइल भेजा दिया गया है. बच्ची की हालत ठीक है.
इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. पुलिस बच्ची के लिए काउंसिंग का भी इंतजाम कर रही है. इन दोनों लड़कों का पिछला कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं रहा है. उनकी उम्र देखते हुए, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत करेक्शन रूम भेज दिया गया है. क्योंकि जघन्य या बड़ा अपराध करने वाले को माइनर को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत करेक्शन रूम में भेजा जाता है.
अब जानिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट क्या होता है?
जुवेनाइल जस्टिस (चाइल्ड एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट के तहत पहले 18 साल तक के अपराधियों को जुवेनाइल माना जाता है. जुवेनाइल का मतलब किशोर होता है. जब 2012 में निर्भया गैंगरेप सामने आया. उस केस में एक दोषी नाबालिग था, तो उसे रिहा करने के लिए कहा जाने लगा. पर सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया था. फिर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव की मांग की गई. संसद में 2015 के शीतकालीन सत्र में सरकार ने नया बिल पास किया था, जो जनवरी, 2016 में लागू हो गया.
बिल में क्या है?
बिल के मुताबिक, रेप, हत्या जैसे जघन्य अपराध में 16 से 18 साल के अपराधियों को वयस्क यानी एडल्ट माना जाता है. पहले ये उम्र 18 साल थी, और अब 16 हो गई है. 16-18 के बीच के अपराधियों पर भी वयस्कों की तरह केस चलता है. जेल की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन उम्रकैद या फिर मौत की सजा का शामिल नहीं है. नए बिल में जघन्य अपराध में 3 से 7 साल की सजा है. साथ ही आरोपी के शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए भी सजा तय की जाती है.
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