इस आदमी ने पत्नी का मंदिर बनवाया है, रोज़ पूजा करता है

'प्रीत में बहुत बल है, बबुआ.'

'शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद' मांझी द माउंटेन मैन का डॉयलॉग याद है न? माउंटेन मैन ऑफ गया दशरथ मांझी की असल ज़िंदगी पर बनी फिल्म थी ये. अपनी पत्नी की याद में मांझी ने अपने हाथों से पहाड़ तोड़ दिया था. पर्वत को चीरकर रास्ता बनाया था, ताकि जिस तरह उसकी पत्नी की मौत हुई, वैसे फिर किसी की न हो.

पति-पत्नी के प्यार की मिसाल पेश करता है, आगरा में सफेद संगमरमर से बना ताज महल. जिसे मुगल शहंशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था. हालांकि इसे बनवाने की असल वजह क्या थी, ये विवादों में है. मगर ताज महल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. प्यार में आदमी क्या नहीं कर सकता?

ऐसा ही कुछ हुआ है, तेलंगाना में. तेलंगाना, 2014 में ही आंध्र प्रदेश से अलग होकर बना देश का 29वां राज्य. यहां कोई ताजमहल नहीं बनवा रहा, न ही पहाड़ तोड़ रहा है. यहां सिर्फ मंदिर बना है. एक शख्स ने अपनी पत्नी के लिए मंदिर बनाया है.

इस मंदिर में प्रतिमा है, उसकी पत्नी की. जिसका देहांत हो चुका है. पति रोज़ यहां पूजा करने आता है. इस शख्स का नाम है, चंद्रा गौड़. जो इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से रिटायर्ड कर्मचारी हैं. चंद्रा अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं. जिनकी बीमारी के कारण मौत हो चुकी है.

तेलंगाना में पत्नी की याद में बनाया गया मंदिर.(क्रेडिट: आशीष पांडे) तेलंगाना में पत्नी की याद में बनाया गया मंदिर.(क्रेडिट: आशीष पांडे)

अचानक अपनी पत्नी की मौत से चंद्रा को गहरा सदमा लगा. पत्नी की यादों को ज़िंदा रखने लिए चंद्रा ने अपनी पत्नी का मंदिर बनाने का फैसला लिया. ये मंदिर तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में बना है. मंदिर में चंद्रा की पत्नी की प्रतिमा स्थापित है. चंद्रा रोज़ इस मंदिर में आते हैं और पत्नी की पूजा करते हैं. आसपास के लोग इस जोड़े का ऐसा प्यार देखकर यही कह रहे हैं, जो मांझी मूवी में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा था, 'प्रीत में बहुत बल है...बबुआ.'

स्टोरी क्रेडिट: आशीष पांडे

 

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