हार्दिक पंड्या, मैदान पर बहुत बैलेंस्ड रहते हैं आप! बोलने में जुबान क्यों फिसल जाती है आपकी ?

हमारे स्टार खिलाड़ी, अपनी माफ़ी आप अपनी जेब में रखिए.

खेल के मैदान पर टैलेंट से ज्यादा अगर कुछ काम आता है , तो वो होता है डिसिप्लिन. रमाकांत आचरेकर जब  सचिन को बैटिंग सिखाते थे, तो मशहूर है ये कहानी कि विकेट पर सिक्का रख देते थे. पूरे दिन की प्रैक्टिस के बाद भी अगर सचिन आउट नहीं होते थे, तो वो सिक्का उन्हें मिल जाता था. यानि खेल सिर्फ मैदान ही नहीं, मैदान से बाहर भी कैरेक्टर बनाने में मदद करते हैं, ऐसा कहा जाता रहा है.

लेकिन अच्छी बातें गुड़ गोबर होने में टाइम थोड़े ही न लगाती हैं. इसे ही शास्त्रों में ‘होनी’ कहा गया है.

हार्दिक पंड्या और के एल राहुल. दो क्रिकेटर हैं. इंडिया की टीम के लिए खेलते हैं. जो लोग क्रिकेट बहुत ज्यादा फॉलो नहीं भी करते वो लोग भी इनके नाम जानते ही होंगे. ख़बरों में आते रहते हैं अपनी अच्छी परफॉरमेंस के लिए. लेकिन अभी किसी और वजह से ख़बरों में हैं. कॉफ़ी विद करन एक चैट शो आता है जिसमें करन जौहर स्टार्स को बुलाते हैं और उनसे गप्पें लड़ाते हैं. पहले भी काफी कंट्रोवर्शियल रहा है ये शो. इस बार पहली दफा क्रिकेट की दुनिया से कोई गेस्ट आया था. कुछ बेहद अच्छा हो सकता था. कुछ बेहद मजेदार हो सकता था.

karan-johar-insta_750x500_010919044842.jpgतस्वीर: इन्स्टाग्राम/करन जौहर

लेकिन वही बात हो गई, हमको भी मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल के बहलाने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है.

हार्दिक पंड्या ने पूरे शो में इतना रायता फैला दिया इतना रायता फैला दिया कि अब उसे काछने के लिए BCCI भी मॉप और नारियल झाड़ू लेके पिल पड़ी है. रायते में से कुछ हाईलाईट पीस ये रहे :

1. हार्दिक पंड्या क्लब में जाते हैं. औरतों से बतियाते हैं. लेकिन उनका नाम याद नहीं रखते. क्यों भाई? क्योंकि ‘बात करने को बहुत कुछ होता है’.

2. हार्दिक पंड्या ढेर सारी औरतों के साथ इन्वोल्व होते हैं, इस बात को अपने पेरेंट्स के सामने इतरा कर बताते हैं. ‘इसके साथ भी सीन था, उसके साथ भी सीन था, सबके साथ कुछ ना कुछ रहा है मेरा’. उनके पेरेंट्स इसको लेकर बेहद कूल होते हैं.

3. हार्दिक पंड्या को ब्लैक कल्चर बेहद पसंद है, इसलिए वो वहीं के लोगों की तरह औरतों को नाचते और हिलते हुए देखना पसंद करते हैं ताकि ‘आईडिया’ लग सके.

hardik-insta_750x500_010919045031.jpgतस्वीर: इन्स्टाग्राम/हार्दिक पंड्या

ठीक है. रायता बटोरने हम भी पांयचे चढ़ा कर उतर सकते हैं लेकिन हम वो करेंगे नहीं. हम उसके बारे में आपसे बात करेंगे क्योंकि हो सकता है आपके बच्चे ये विडियो देख रहे हों. आप ने ये विडियो देखा हो और आपको गुस्सा आया हो. या ना आया हो. लेकिन ज़रूरी ये है कि इस विडियो में हार्दिक ने जो धनिया बो दिया है, उस पर बात हो. खुलकर हो.

एक. ब्लैक कल्चर यानी अश्वेतों का कल्चर पसंद करना एक बात है. उसे इस्तेमाल करके उसका बहाना बनाते हुए किसी का शोषण करना या किसी के बारे में ओछी बात सोचना दूसरी. ब्लैक कल्चर को वैसे भी श्वेत लोग बहुत इस्तेमाल करते हैं और उसका फायदा उठाते हैं. जो चीज़ अश्वेत औरतों पर खराब मानी जाती है, वही अगर श्वेत औरतें करें तो स्टाइल बन जाता है. जैसे अश्वेत औरतों के बेहद घुंघराले बालों को ‘अनप्रोफेशनल’ माना जाता है. बाल सीधे करने की सलाह दी जाती है. लेकिन वही श्वेत लड़कियां उनकी तरह चोटी बांध लें या बाल घुंघराले कर लें तो उन्हें कोई कुछ नहीं कहता. उल्टे तारीफ करता है.

दो. अश्वेत औरतों को वैसे ही बेहद सेक्सुअल तरीके से देखा जाता है. इसके पीछे भी ब्लैक कल्चर का शोषण ज़िम्मेदार है. इसके लिए श्वेत लोगों को तो फिर भी ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. लेकिन हमें लगता है कि चूंकि हमारी त्वचा का रंग भी गहरा है और हम भी अंग्रेजों के ग़ुलाम रहे हैं तो इसका मतलब हम उनके कल्चर को अपना कर कुछ भी कर सकते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. इसे नस्लभेद ही कहा जाएगा. चाहे इसे कोई और नाम देकर लोग बच निकलने की कोशिश क्यों न करें. इसलिए हार्दिक पंड्या, नस्लभेद यानि रेसिज्म करना कोई अच्छी बात नहीं है. 

hardik-hotstar-screenshot_750x500_010919045130.jpgतस्वीर: हॉटस्टार स्क्रीनशॉट

तीन. औरतें जब तक नाम नहीं होतीं, तब तक एक ऑब्जेक्ट होती हैं. किसी से भी मिलकर उसका नाम पूछना सबसे पहला स्टेप होता है इंट्रोडक्शन का. आप किसी औरत का नाम कैसे भूल सकते हैं, अगर उससे बात कर रहे हैं तो? उसका मतलब उसके शरीर के अलावा आपको किसी और चीज़ से कोई मतलब नहीं है. आपके घर में कोने में लाकर पटक देने और उसका इस्तेमाल कर के हटा देने से ज्यादा कोई औकात नहीं है उसकी आपकी नज़र में? फिर उसमें और दूकान पे रखी टेबल में क्या फर्क रह गया आपकी नज़र में? सेक्स के बारे में खुलकर बात करना बेहद ज़रूरी है.

चार. अच्छी बात है आप पेरेंट्स के साथ ओपन हैं. होना भी चाहिए. लेकिन औरतों को अदल-बदल की चीज़ बनाए बिन भी तो आप कूल रह सकते हैं. आपके पेरेंट्स अगर आपकी लाइफ में अपनी मर्ज़ी से आने वाली लड़कियों के बारे में थोड़ा इज्जत से सुन लेंगे तो उनके कानों से खून नहीं निकल आएगा हार्दिक. कोशिश करके देखिएगा. 

hardik-k-l_750x500_010919045226.jpgतस्वीर: हॉटस्टार स्क्रीनशॉट 

पांच. आप कहते हैं कि आप शो के नेचर में आकर भावनाओं में बह गए थे. शो का कैसा नेचर है? डींगे हांकने वाला? दूसरों के बारे में फालतू की बकवास करने वाला? अपने आप को माचो मैन दिखाने के लिए औरतों की बेइज्जती करने को प्रोत्साहित करने वाला? अगर ऐसा आपको शो का नेचर लगा तो आप गए क्यों उसमें? क्या अपने भीतर की ये सारी भावनाएं आपको सबको बतानी थीं और इसका बहाना चाहिए था? खेल के मैदान पर तो बड़े सलीके से खेलते हैं आप. इसके लिए किसी सुबूत की जरूरत नहीं आपकी परफॉरमेंस ही काफी है. फिर औरतों के मामले में ये कंट्रोल कहां खो दिया आपने?

हार्दिक ने तब से इस मामले पर एक ऑफिशियल माफ़ी मांगी है. माफ़ी तो क्या ही है, चलता फिरता चाट मसाला टाइप सबस्टिट्यूट है किसी भी गलती के लिए चेपा जा सकता है. देख लीजिए:

मतलब आप रेसिस्ट भी हो जाएं, मिसोजिनिस्ट भी हो जाएं, दुनिया भर का अल्लम-गल्लम भी शो पर पलट आएं उसके बाद कहें ‘किसी को बुरा लगा हो तो सॉरी’. माफ़ी के नाम पर धब्बा है ये और कुछ नहीं. ये क्या मतलब होता है कि ‘मेरा इरादा किसी को चोट पहुंचाने का नहीं था’? जितनी औरतें आपसे मिली हैं आजतक, उन सबको कैसा लगेगा ये जानकर कि आप जानबूझ कर उनके नाम याद नहीं रखते, या उनके बारे में आपके ऐसे ख्याल हैं? इतने पॉपुलर शो पर इस तरह की जलील बातें करते समय आप सोच क्या रहे थे? कि आप माचो लग रहे हैं?  

BCCI ने Show Cause नोटिस भेजा है दोनों एक्टर्स को. ये भी बात हो रही कि नॉन-क्रिकेट शोज़ में क्रिकेटर्स के जाने पर रोक लगनी चाहिए. लेकिन दिक्कत एक ही है, शो पर जाने से तो रोक लेंगे, अन्दर भरी गंदगी का क्या करेंगे? कालीन के नीचे छुपाते जाने से धूल ढकती है, सड़ांध का आप कुछ नहीं कर सकते. एक शो पर चले गए आपके क्रिकेटर तो सीवन उधड़ गई मुखौटे की. दूसरे शो पर चले गए तो मुखौटा ही गिर जाएगा. नहीं?  

 

 

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