एलिज़ाबेथ प्रथम: ब्रिटेन की 'वर्जिन' रानी जो अपने होंठों पर जहर मलती थी

तीन साल की उम्र में जिसे नाजायज़ घोषित किया गया, वो 25 की उम्र में रानी बन गई.

हर स्कूल की अपनी एक खुफिया कहानी होती है. चाहे वो स्कूल कोलाबा में हो या कोलकाता में. हमारे स्कूल की कहानी ये थी कि वो कब्रिस्तान पर बना था. बाद में पता चला कि इन खुफिया बातों पर भरोसा किया जाए तो दुनिया के लगभग 90 परसेंट स्कूल कब्रिस्तानों पर बने होते हैं. खैर, जब से ये पता चला तब से शौक चढ़ा भूतिया कहानियां पढ़ने और सुनने का.

पहली कहानी जो पढ़ी, उसने चार दिन तक आईने में देखने नहीं दिया.

कहानी थी ब्लडी मैरी की.

ब्लडी मैरी की कहानी असलियत में ज्यादा डरावनी है. फोटो: पिक्साबे ब्लडी मैरी की कहानी असलियत में ज्यादा डरावनी है. फोटो: पिक्साबे

ब्लडी मैरी वो जो रात को आती है. अगर आप शीशे के सामने खड़े हों. रात को. मोमबत्ती लेकर. जलती हुई मोमबत्ती. शीशे में अपनी शक्ल देखें. और जैसे मन्तर पढ़ा जाता है, वैसे ही ब्लडी मैरी का नाम लें. तीन बार. और तीन बार घूम जाएं. आपको आइने में ब्लडी मैरी खड़ी दिखाई देगी. ब्लडी मैरी कुछ भी कर सकती है. कैसी भी दिख सकती है. कुछ लोग बताते हैं कि वो एक बूढ़ी डायन जैसी दिखती है. कोई कहता है कि वो एक डरावनी चुड़ैल जैसी दिखती है जो आपकी आंखें निकाल सकती है, आपको मार सकती है. कुछ भी कर सकती है.

मैंने ये गेम नहीं खेला. ना ही मेरी किसी सहेली ने. इसलिए मुझे नहीं पता कि ब्लडी मैरी कैसी दिखती है. लेकिन मुझे याद है कि ब्लडी मैरी असली थी. क्योंकि वो एक असल औरत थी.

उसके होने के दस्तावेज़ मौजूद हैं. वो इतिहास में जानी गई. आप सोच रहे होंगे कि एलिज़ाबेथ प्रथम के बारे में बात करने के बजाए हम ब्लडी मैरी की बात क्यों कर रहे हैं. क्योंकि ब्लडी मैरी के बिना एलिज़ाबेथ नहीं होती. इंग्लैंड वो नहीं होता जो एलिज़ाबेथ ने उसे बनाया.और इतिहास एक अलग ही तरीके से लिखा जाता. कहानी वाली ब्लडी मैरी कितनी खतरनाक थी ये पता नहीं. इस ब्लडी मैरी ने अपना नाम खुद कमाया था.

ये ब्लडी मैरी थी इंग्लैंड की पहली रानी मैरी ट्यूडर. वो मैरी ट्यूडर जिसने इंग्लैंड के सैकड़ों प्रोटस्टेंट ईसाईयों को मौत के हवाले कर दिया था. कैथलिक और प्रोटस्टेंट दो धाराएं हैं ईसाई धर्म की. मैरी कैथलिक थी. इंग्लैंड को भी कैथलिक बनाना चाहती थी. चाहती थी उसका एक बेटा हो. जो राज चलाये उसका आगे. ट्यूडर वंश को आगे बढ़ाए. ऐसा नहीं हुआ. मैरी को बच्चा नहीं हुआ. मैरी गम में घुल-घुल कर मर गई.

मैरी टूडॉर. फोटो: विकिमीडिया मैरी टूडॉर. फोटो: विकिमीडिया

मैरी की मौत के बाद रानी बनी एलिज़ाबेथ. वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिनके बारे में ये तक कह दिया गया था कि असली एलिज़ाबेथ बचपन में मर गई थी. कहा गया था कि उसकी जगह लाल बालों वाला लड़का एलिज़ाबेथ बनाकर भेज दिया गया था. वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिसने शेक्सपियर को नाटक और गाने लिखने का प्लेटफॉर्म दिया. वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिसने उम्र भर शादी नहीं की. जिसने भरी संसद में सबके सामने कहा, 'मैं इंग्लैंड से शादी कर रही हूं.' और ताज पर बैठी तो इंग्लैंड की तस्वीर बदल दी.

ऐसी दिखती थी रानी एलिज़ाबेथ प्रथम. फोटो: विकिमीडिया ऐसी दिखती थी रानी एलिज़ाबेथ प्रथम. फोटो: विकिमीडिया

उस वर्जिन क्वीन की कहानी, जिसने स्पैनिश सेना के दांत खट्टे कर दिए. उस वर्जिन क्वीन की कहानी - जिसने खुद को इंग्लैंड के हवाले कर दिया

इंग्लैंड का दरबार. शाही तख़्त खाली है. अफसरों और मिनिस्टरों का झुंड इकट्ठा है. हंगामा हो रहा है. दरवाज़ा खुलता है. कमरे में सन्नाटा छा जाता है. एलिज़ाबेथ तख़्त तक पहुंचती है. पलटती है. सामने मौजूद लोग झुक जाते हैं. रानी का चेहरा झक सफ़ेद है. एलिज़ाबेथ का हाथ उठता है. सब शांत हो जाते हैं. कमरे में चुप्पी. हवा की सरसराहट. वो सबकी तरफ देखती हैं. होठों पर शांत मुस्कुराहट. सबकी नज़र रानी पर है. एलिज़ाबेथ सन्नाटा तोड़ती है.

कहती है,

'देखिए, मैंने इंग्लैंड से शादी कर ली है'

जो खड़ी थी, वो रानी एलिज़ाबेथ थी. जो तख़्त पर बैठी, वो देवी हो गई. वर्जिन मैरी जैसी. वो जिसे लोग पूजते थे. वो जिसे लोग आंखें उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करते थे. वो, जिसके राज को इंग्लैंड का सुनहरा काल कहा गया.

आओ सुनो उस रानी की कहानी!

इंग्लैंड के राजा हेनरी 8th यानी हेनरी अष्टम की नज़र एन बोलेन पर जब पड़ी, तो उन्हें वो इतनी पसंद आ गई कि अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर एन से झटपट शादी कर ली. सिर्फ यही नहीं. पहली पत्नी को छोड़ पाने के लिए पूरे देश का धर्म ही बदल दिया. कैथलिक धर्म में इजाज़त नहीं होती तलाक की. तो पूरे देश को प्रोटस्टेंट घोषित कर दिया. हेनरी को पूरा भरोसा था कि एन उनको बेटा देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पैदा हो गई एलिज़ाबेथ. हेनरी के सपनों पर पानी फिर गया.

हेनरी द 8th. फोटो: विकिपीडिया. हेनरी द 8th. फोटो: विकिपीडिया.

एलिज़ाबेथ के जन्म के लगभग ढाई साल बाद ही एन बोलेन को मौत की सज़ा दे दी गई. कहा गया कि उसके अवैध सम्बन्ध हैं. एलिज़ाबेथ को दूर पढ़ने भेज दिया गया. इस बीच काफी उथल-पुथल हुई इंग्लैण्ड के तख़्त पर. लेकिन एलिज़ाबेथ इन सबसे दूर हैटफील्ड में पली बढ़ी. हेनरी की छठी रानी कैथरीन पार ने एलिज़ाबेथ को आगे पढ़ाया. लोगों के बीच बोलना सिखाया. मैरी ट्यूडर जब रानी बनी तो उसने इंग्लैंड को दोबारा कैथलिक बनाने की कोशिश की. इस कोशिश में उसने सैकड़ों प्रोटस्टेंट लोगों को मरवा दिया. यही नहीं, एलिज़ाबेथ को भी नजरबन्द करवा दिया. एलिज़ाबेथ पर आरोप लगा कि वो प्रोटस्टेंट बगावतियों की मदद कर रही है.

एलिज़ाबेथ के प्रेमी ज़रूर रहे थे, लेकिन उसने खुद को हमेशा वर्जिन कहा. फोटो: विकिमीडिया एलिज़ाबेथ के प्रेमी ज़रूर रहे थे, लेकिन उसने खुद को हमेशा वर्जिन कहा. फोटो: विकिमीडिया

17 नवम्बर 1558 की सुबह. एलिज़ाबेथ हैटफील्ड के अपने घर के बाहर गार्डन में बैठी थी. एक घुड़सवार आया. उसके घर के आगे रुक गया. लोग उसे देख दौड़े-दौड़े आ गए.

घुड़सवार उतरा, कमर से झुका. और जोर से चिल्लाया,

'लॉन्ग लिव द क्वीन'

उसके पीछे के लोग भी झुक गये.

मैरी की मौत हो चुकी थी. इंग्लैंड में एक नया युग शुरू हो गया था.

एलिज़ाबेथ- तीन साल की उम्र में जिसे नाजायज़ घोषित किया गया वो 25 साल की उम्र में रानी बन गई.

एलिज़ाबेथ ने धीरे-धीरे इंग्लैंड को वापस प्रोटस्टेंट रास्तों पर चलवाना शुरू किया. लेकिन जैसे-जैसे साल बीते, संसद ने रानी पर दबाव बनाया कि वो शादी कर लें. आखिर देश की रानी का शादी करना भी तो ज़रूरी था. और उस समय शादी करना इसलिए भी ज़रूरी था क्योंकि इससे यूरोप की कोई भी एक बड़ी ताकत इंग्लैंड को समर्थन दे देती. शादियां एक बिजनेस अलायंस की तरह हुआ करती थीं. लेकिन एलिज़ाबेथ ने शादी नहीं की.

एलिज़ाबेथ के गद्दी पर बैठने के समय की तस्वीर. फोटो: विकिमीडिया एलिज़ाबेथ के गद्दी पर बैठने के समय की तस्वीर. फोटो: विकिमीडिया

1566 में जब संसद ने फंड नहीं रिलीज़ किया कि जब तक वो शादी नहीं करेंगी तब तक पैसे रिलीज़ नहीं होंगे, तो एलिज़ाबेथ ने संसद को थर्राते हुए कहा:

'शादी तो तभी करूंगी जब सुभीता होगा. उससे बाहर किसी के मतलब की बात नहीं है ये.'

संसद चुपाई मार के बैठ गई. रानी को कौन आदेश देगा.

लेकिन एलिज़ाबेथ पर नजर रखी जाती रही. उनके सो कर उठने के बाद उनकी चादरें चेक की जाती थीं. ये देखा जाता था कि उनके पीरियड्स समय पर चल रहे हैं या नहीं.

एलिज़ाबेथ को अपनी खूबसूरती से बहुत लगाव था. इसी के लिए अपने लाल बालों के साथ वो चेहरे पर झक सफ़ेद मेकअप लगवाया करती थीं. वो सफ़ेद मेकअप सीसा और विनेगर मिला कर बनता था. सीसा मतलब लेड. जहरीला होता है. लेकिन उनके इस मेकअप की धूम रही. औरतें अपना चेहरा एलिज़ाबेथ जैसा करने की कोशिश करती थीं. एलिज़ाबेथ की खूबसूरती उसके तख़्त पर बैठने के क्लेम के लिए एक बेहद ज़रूरी सा फैक्टर मान लिया गया था. शायद अगर वो दिखने में कम सुन्दर होती तो उसका रानी बनना भी लोगों को कम पसंद आता. उस समय ये रानी के लिए ज़रूरी था कि उसकी खूबसूरती की इमेज बनी रहे. इसलिए रानी चटक लाल रंग लगाती थी होंठों पर. इसमें मरकरी होता था. यानी पारा. ये भी ज़हरीला होता है.

शेखर कपूर द्वारा डायरेक्टेड फिल्म एलिज़ाबेथ का पोस्टर. फोटो: pinterest शेखर कपूर द्वारा डायरेक्टेड फिल्म एलिज़ाबेथ का पोस्टर. फोटो: pinterest

इंग्लैंड में एलिज़ाबेथ ने एक नया कल्चर शुरू किया. शेक्सपियर के प्ले वगैरह स्टेज करवाने और लिखने में रानी पूरी तरह से मदद करती थी. और भी कई ट्रूप्स थे जिनको एलिज़ाबेथ ने प्रमोट किया. अधिकतर उनके राज में शांति ही रही. एक बहुत बड़ा ख़तरा आया ज़रूर था. लेकिन उसे नाकाम करने में रानी सफल रहीं. और इस एक जीत ने रानी को अपने देश के सामने काफी ऊंचा उठा दिया. ये था स्पेन के जहाज़ों के जत्थे को वापस कर देना. जिसे स्पेनिश अरमाडा कहा गया था. एलिज़ाबेथ ने अपना जत्था भेज कर किनारों तक पहुंचने से पहले ही उनको वापस लौटा दिया. इसमें मौसम का भी हाथ था, लेकिन जीत इंग्लैंड की होने से एलिज़ाबेथ के विरोधी भी चुप हो गए.

स्पैनिश अरमाडा की तस्वीर. फोटो: विकिपीडिया स्पैनिश अरमाडा की तस्वीर. फोटो: विकिपीडिया

एलिज़ाबेथ ने 45 सालों तक राज किया. अपने आखिरी पलों में कहते हैं उन्होंने अपने प्रेमी रॉबर्ट डडली का नाम लिया था. उनके एक पैर में दिक्कत आ गई थी, लेकिन डॉक्टर को चीरा नहीं लगाने दिया करती थी. क्योंकि वो नहीं चाहती थीं कि कोई उन्हें ऐसे देखे. उनको लोगों ने हमेशा पूरे मेकअप और विग में ही देखा. कई जगह लिखा गया है कि आखिरी सालों में एलिज़ाबेथ के बाल झड़ गए थे, इसलिए वो लाल विग लगाती थीं. झुर्रियां छिपाने के लिए लेड पाउडर और विनेगर का कोट और मोटा लगाया जाने लगा था. मीठा खाने के शौक ने उनके दांत काले कर दिए थे. उनको बिना मेकअप के देखने की इजाज़त सिर्फ तीन-चार करीबी सहेलियों और नौकरानियों को थी जो उन्हें तैयार करती थीं. इस वजह से भी कई लोगन ने कहा कि रानी लड़की के भेस में लड़का थी. सीसा और पारा रोज़ खुद पर लगाते लगाते रानी की तबियत बिगड़ती चली गई थी. 1603 में रानी की मौत हो गई. एक युग का अंत हो गया.

इस वर्जिन रानी की कहानी कई जगह सुनाई गई है. लेकिन हर बार इसको सुनने वाले कुछ नया पा कर लौटते हैं. एलिज़ाबेथ पर फिल्में बनीं. टीवी शो बने. कहानियां और कविताएं लिखी गईं. लेकिन इन सबके परे एलिज़ाबेथ वो रानी बन गई, जिसे लेजेंड कहा जायेगा. वो औरत जिसने दुनिया को जूती की नोक पर रखा. जिसने सरेआम कहा कि उसे अपनी ज़िन्दगी में किसी आदमी की ज़रूरत नहीं. जिसे एक रानी बनने के लिए बीवी बनने की ज़रूरत नहीं. जिसे इंग्लैंड को दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक बनाने के लिए किसी दूसरे देश के राजा से शादी करने की ज़रूरत नहीं. जो रानी बनी, अपने देश से प्यार किया, और उसी में मुकम्मल हो गई.

 

 

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