दौसा की लोकसभा सीट पर जसकौर मीणा ने भारी मतों से जीत दर्ज की

बीजेपी जीती और कांग्रेस हार गई.

राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट से बीजेपी की जसकौर मीणा ने भारी मतों से जीत दर्ज की और कांग्रेस की सविता मीणा को हार का सामना करना पड़ा. राजस्थान में 25 लोकसभा सीट हैं. 

कौन हैं ये दोनों महिलाएं?

एक सीट और दो दावेदार. सविता मीणा और जसकौर मीणा. इस सीट पर पहले राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और बीजेपी के विधायक ओमप्रकाश हुड़ला अपनी दावेदारी का पेंच लड़ा रहे थे. लेकिन इन दोनों नेताओं की रस्साकशी में दोनों ही टिकट महिला प्रत्याशियों को मिल गए.

जसकौर मीणा, जिन्हें बीजेपी ने दौसा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है, वो लालसोट के मंडावरी गांव की रहने वाली हैं. 3 मई 1947 को इनका जन्म हुआ था. सवाई माधोपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रह चुकी हैं. राजस्थान यूनिवर्सिटी से एमए और बीएड किया. बीजेपी के नेता गुलाबचंद कटारिया से मिलना हुआ तो राजनीति में आईं. उन्हें लोकसभा सीट का टिकट कटारिया और संघ के पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत ने ही दिलवाया था.

जसकौर मीणा सवाई माधोपुर से दो बार सांसद रह चुकी हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के समय जसकौर मीणा कैबिनेट की मेंबर भी थीं. उन्होंने 1999 से 2004 तक मानव विकास और संसाधन विकास राज्यमंत्री का पद संभाला. 2008 में वो सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ीं, पर फिर हार गईं. लेखिका भी हैं. चार किताबें लिखी हैं.

इनके अपोजिट जो खड़ी हैं, वो हैं सविता मीणा. सविता मीणा बांदीकुई विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं. जिला परिषद का चुनाव लड़ चुकी हैं. दोनों ही चुनाव में हार चुकी हैं. अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने जा रही हैं. अलवर जिले की रहने वाली हैं. हाउसवाइफ हैं. बीए में ग्रेजुएशन किया है.दौसा के विधायक मुरारीलाल मीणा की पत्नी हैं. 2003 में बांदीकुई से बसपा की टिकट पर उनके पति विधायक चुने गए. पर इस चुनाव में सविता मीणा एक डमी प्रत्याशी के रूप में रह गई थीं.

लोकसभा चुनाव 2019 में 724 महिला कैंडिडेट मैदान में उतरीं. इसके साथ ही 4 ट्रांस महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. इन सभी महिला कैंडिडेट में कुछ पार्टी की ओर से तो कुछ अकेले यानी निर्दलीय चुनाव में खड़ी हुईं थीं. बीजेपी ने 53, कांग्रेस ने 54, बीएसपी ने 24, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने 23, सीपीआई (एम) ने 10 महिला उम्मीदवार को टिकट दिया था. बाकी 222 महिलाएं ऐंसी थीं, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. साथ ही चार ट्रांस महिलाएं भीं थीं, जिसमें सिर्फ आम आदमी पार्टी ने एक ट्रांस महिला को टिकट दिया. बाकी की निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं थीं.

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group