क्रोएशिया की राष्ट्रपति, जो FIFA फाइनल के दौरान अपनी टीम को चियर करने खुद आई थीं
अखबारों में उनके नाम से अश्लील तस्वीरें छपीं, उन्हें पॉर्न स्टार पुकारा गया. पर वो डटी रहीं.
FIFA फुटबॉल वर्ल्ड कप, 2018.
पहली बार एक छोटी सी कंट्री, जिसे कोई सीरियसली नहीं ले रहा था, वो फाइनल में पहुंची है. उसके खिलाफ खड़ी है फ्रांस की टीम. इंग्लैंड, रशिया जैसे बड़े बड़े नामों को धता बताती हुई क्रोएशिया की टीम फाइनल में खेल रही है. इस टीम को लीड कर रहा है लूका मोद्रिच. वही लूका मोद्रिच जो अपने परिवार के लिए कभी भेड़ें चराया करता था. वही लूका मोद्रिच जिसे एक बार भेड़ियों के झुण्ड ने घेर लिया था, तब भी वो घबराया नहीं और अपनी भेड़ों को सुरक्षित वापस ले आया था. वो लड़का जिसके दादा को बचपन में ही सर्बियाई लड़ाकों ने मौत के घाट उतार दिया था.
वही लड़का जिसे बार बार ये कहके रिजेक्ट किया जाता रहा कि वो बहुत पतला दुबला और छोटा है. वो लड़का अपनी चार करोड़ बीस लाख की जनसंख्या वाले देश को दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल टूर्नामेंटों में से एक में ले आया है. क्रोएशिया को सपोर्ट करने वाले देशों की संख्या बढ़ गई है. रशिया में हो रहे इस टूर्नामेंट में ना जाने कितने देशों से दिल आकर धड़क रहे हैं.
क्रोएशिया की टीम जीत नहीं पाती, लेकिन इतिहास रच जाती है.
वर्ल्ड कप फ्रांस के नाम हो चुका है. खिलाड़ी स्टेज के पास जाकर सभी नेताओं से मिल रहे हैं. एक तरफ छाते के नीचे पुतिन खड़े हैं. रशिया के प्रेसिडेंट. उनके ठीक बगल में हैं इमानुएल मैकरोन. फ्रांस के प्रेसिडेंट. उनके ठीक बगल में खड़ी है एक औरत जो बारिश की परवाह किये बिना सभी खिलाड़ियों को गले लगा रही है. उसकी आँखों से ख़ुशी बरस रही है. अपने देश के खिलाड़ियों के लिए प्यार उमड़ रहा है. उसने क्रोएशिया की टीम जर्सी पहन रखी है.
ये औरत है कोलिंदा ग्राबार कितारोविच. क्रोएशिया की पहली महिला प्रेसिडेंट. यही नहीं, वो अब तक की सबसे कम उम्र की प्रेसीडेंट भी हैं. 2015 में क्रोएशिया की प्रेसिडेंट बनीं कोलिंदा काफी समय से वहां की पॉलिटिकल पार्टी क्रोएशियन डेमोक्रेटिक यूनियन की सदस्य रही हैं. 1993 में शुरू हुआ उनका ये राजनैतिक सफ़र आसान नहीं रहा. जब वो प्रेसिडेंट बनने की दौड़ में थीं भी नहीं, तब उनको विवादों में फंसाने की कोशिश की गई थी. आज से लगभग 10 साल पहले एक सर्बियाई मैगजीन ने ये स्टोरी चलाई थी कि कोलिंदा ने एडल्ट फिल्म में काम किया है.
हाल में ही फिर से इन्टरनेट पर कुछ तसवीरें चलाई गईं. इनमें कोलिंदा जैसी दिखने वाली एक औरत ने बिकिनी पहन रखी थी. इन्टरनेट पर ये तसवीरें चलने के बाद लोग क्रोएशिया जाने के लिए पागल हो उठे. हालांकि पता नहीं इसके पीछे का क्या लॉजिक है जो मुझे तो आज तक समझ नहीं आया.
खैर, वो औरत एक अमरीकन एक्ट्रेस/मॉडल और रैपर आइस टी (Ice T) की पत्नी कोको ऑस्टिन निकलीं.
हालांकि क्रोएशिया की प्रेसिडेंट कोलिंदा के लिए लोग इसलिए पागल हैं क्योंकि उन्होंने असल में दिल जीत लेने वाला काम किया है. फीफा के सेमी फाइनल के दौरान वो NATO समिट में भाग लेने गई हुई थीं, इसलिए मैच नहीं अटेंड कर पाईं. लेकिन क्रोएशिया ने उस मैच में इंग्लैंड को हरा दिया और फाइनल में पहुंची. इस फाइनल मैच के लिए कोलिंदा इकॉनमी क्लास में सफ़र करके रशिया पहुंचीं, और अपनी टीम की जर्सी पहनकर एक सच्चे फैन की तरह उनका सपोर्ट किया.
खेल के दौरान भी उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल को गले लगाया और खेल भावना दिखाई.
इससे पहले भी कोलिंदा की सूझ बूझ और उनके सच्चे दिल के किस्से मिलते हैं. एक बार एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट को उनसे अवार्ड लेना था. उनकी उम्र काफी हो चली थी. जब वो अवार्ड लेने आए, तो उनकी पैंट खिसककर नीचे गिर गई. उस समय कोलिंदा ने अवार्ड पकड़े रखकर उनको शर्मिंदा नहीं होने दिया. उनकी अंडरवियर को ढके रखा. एक बार मुड़कर भी नहीं देखा ताकि कहीं उन्हें अनकम्फ़र्टेबल ना लगे.
कोलिंदा को क्रोएशियन, स्पैनिश, अंग्रेजी, पुर्तगाली भाषाएं आती हैं. उन्हें फ्रेंच, जर्मन, और इटालियन भी थोड़ी-थोड़ी आती हैं. क्रोएशिया से वो यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में राजदूत थीं. यही नहीं, वो NATO में असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल भी रह चुकी हैं. इसी पद पर रहते हुए उन्होंने क्रोएशिया में चुनाव जीते.
इस पूरे खेल के दौरान सबसे खूबसूरत पल वो था जब कोलिंदा मूसलाधार बारिश के बीच खड़ी, बिना छाते के, बढ़-बढ़कर अपने देश के खिलाड़ियों को गले लगा रही थीं. खिलाड़ी वो जिन्होंने सब कुछ ताक पर रखकर देश के लिए जान लड़ा दी. उनके गले से लिपट कर उनके देश की राष्ट्रपति उनकी आंसू पोंछ रही थी. बहती हुई बारिश के बीच आंसुओं का नमक घुलकर बह रहा था. इतिहास हौले हौले मुस्कुरा रहा था. भेड़ें चराने वाला लड़का एक देश की कप्तानी करता हुआ उसे विश्व पटल पर ले आया था, और उस औरत के गले लग रो रहा था जिसने देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन सारे स्टीरियोटाइप तोड़ दिए थे.
ये खेल की जीत थी. इंसानियत की जीत थी. हिम्मत की जीत थी. प्यार की जीत थी.
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