लड़की क्लासरूम में नग्न हो गई, उसकी नग्नता लोगों की सोच का आईना है

जब लड़की से पूछा गया उसकी मां को कैसा लगेगा, उसने कमाल का जवाब दिया.

फोटो क्रेडिट: Lchai Thesis/facebook

बीती 5 मई की घटना है. न्यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट क्लास में प्रेजेंटेशन देने आती है. थीसिस प्रेजेंट करने से पहले वो अपने कपड़े उतार देती है. फिर अंडरवियर में अपना प्रेजेंटेशन शुरू करती है. उसके साथ 28 और स्टूडेंट अपने कपड़े निकालते हैं.

मगर क्यों?

हम बात कर रहे हैं लेटिटिया चाई की, जिसने अंडरवियर में अपना पूरा प्रेजेंटेशन दिया. और उस प्रेजेंटेशन का फेसबुक लाइव भी किया. चाई ने ऐसा उस सोच को चुनौती देने के लिए किया, जिसने एक औरत की पहचान, काबिलियत और चरित्र को उसके कपड़ों का मोहताज बना रखा है.

उसकी प्रोफेसर ने 2 मई को प्रेजेंटेशन के ट्रायल पर उसकी ड्रेस पर एक कमेंट किया था. प्रोफेसर ने कहा था, 'तुम्हारे शॉर्ट्स कुछ ज्यादा ही शॉर्ट हैं. इससे आदमियों की नज़र तुम्हारे प्रेजेंटेशन के कॉन्टेंट से ज्यादा तुम्हारे शरीर पर रहेगी.'

 चाई के शॉर्ट्स पर प्रोफेसर ने किया था कमेंट. फोटो क्रेडिट: Lchai Thesis/facebook चाई के शॉर्ट्स पर प्रोफेसर ने किया था कमेंट. फोटो क्रेडिट: Lchai Thesis/facebook

चाई ने उसी दिन फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी आपबीती बताई. चाई के मुताबिक प्रोफेसर ने पूरी क्लास के सामने कहा कि वो पुरुषों की नज़र अपने प्रेजेंटेशन के कॉन्टेंट की बजाए अपनी बॉडी पर ले जा रही है. प्रोफेसर की बात पर एक छात्र ने आपत्ति भी जताई. उसने कहा कि क्या प्रोफेसर वाकई में ये मानती हैं कि क्लास में मौजूद पुरुष प्रेजेंटर के कपड़ों की वजह से प्रेजेंटेशन के कॉन्टेंट पर ध्यान नहीं दे पाएंगे.

मेरे कपड़े, तकलीफ दूसरों को क्यों?

अपनी प्रोफेसर के कमेंट से असहज चाई तब और हैरान रह गई, जब एक इंटरनेशनल स्टूडेंट ने चाई से कहा कि उसे ऑडिएंस की रिस्पेक्ट करनी चाहिए और ये उसका नैतिक कर्तव्य है कि वो अपने कपड़ों पर ध्यान दे. चाई ने उससे सवाल भी किया, ‘क्या मैं नैतिक तौर पर आपको को कोई नुकसान पहुंचा रही हूं ?’इतना कहकर लेटिटिया क्लास से बाहर निकल गई.

लेटिटिया के मुताबिक उस स्टूडेंट ने माफी मांगने की कोशिश की. जबकि बाहर आकर प्रोफेसर ने उससे पूछा कि उसकी मां उसके कपड़ों के बारे में क्या सोचेगी. इस पर चाई ने बताया, 'मेरी मां एक फेमिनिस्ट, जेंडर और सेक्सुअलिटी स्टडीज़ की प्रोफेसर हैं. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी हर जेंडर के लोगों को सशक्त करने की कोशिश की है. इसलिए उन्हें मेरे शॉर्ट्स से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.'

 चाई ने फेसबुक पोस्ट कर बताया पूरा किस्सा. फोटो क्रेडिट: Lchai/facebook चाई ने फेसबुक पोस्ट कर बताया पूरा किस्सा. फोटो क्रेडिट: Lchai/facebook

इस पर प्रोफेसर ने पूछा कि तुम आगे क्या करने वाली हो. चाई ने कहा क्या आपको अपनी शिकायत होने का डर लग रहा है. मैं अपनी जिंदगी की सबसे अच्छी स्पीच देने जा रही हूं. चाई ने वहीं अपने कपड़े उतारे और अंडरवियर में क्लास वापस पहुंच गई. अपना प्रेजेंटेशन पूरा किया.

'मैं एक औरत से बढ़कर हूं'

अपना फाइनल प्रेजेंटेशन देने आई चाई ने रोते हुए अपने कपड़े निकाले और कहा, 'मैं एक औरत से बढ़कर हूं. मैं एक इंसान हूं. ये बात हम सबको समझनी है कि हम सब असल में कौन हैं. हम सबसे पहले इंसान हैं. हम एक हैं.' हम कब तक दूसरों के परसेप्शन के हिसाब से रहेंगे. दूसरों को सहज करने के लिए खुद को बदलते रहेंगे. किसी और की सोच और शब्द कब तक ये तय करेंगे कि हमे कैसा दिखना चाहिए.

प्रोफेसर का बचाव भी हुआ  

हालांकि लड़की को टोकने वाली प्रोफेसर का कहना है कि वो अपने स्टूडेंट को कैसे कपड़े पहनने हैं, ये नहीं बताती. वहीं क्लास के स्टूडेंट कहते हैं कि प्रोफेसर के कहने का तरीका जरूर गलत था. लेकिन वो पेशेवर अंदाज की बात कर रही थीं. क्लास में मौजूद रहे स्टूडेंट के मुताबिक प्रोफेसर ने अपने शब्दों के लिए माफी मांग ली थी.

लेटिटिया ने प्रेजेंटेशन का फेसबुक लाइव किया. फोटो क्रेडिट: Lchai Thesis/facebook लेटिटिया ने प्रेजेंटेशन का फेसबुक लाइव किया. फोटो क्रेडिट: Lchai Thesis/facebook

लेटिटिया के विरोध का वीडियो मौजूद है. लेकिन उसकी तकलीफ समझने के लिए आंखों के साथ-साथ संवेदना की जरूरत है. लेटिटिया ने ये विरोध प्रदर्शन उन सभी के लिए किया, जिन्हें उनकी असल सच्चाई से इतर समाज के तय कायदों में ढलने के लिए मजबूर किया जाता है.

लेटिटिया ने सही किया या गलत, हम इस पर बात नहीं करना चाहते. उसे सही या गलत वीडियो के कमेंट बॉक्स में ठहराया जा रहा है. विरोध जाहिर करने का तरीका तय करना, उन पर छोड़ देते हैं, जो विरोध कर रहे हैं. बात होनी चाहिए चाई के सवाल पर, जो बेहद जरूरी है. कोई भी महिला, पुरुष या ट्रांसजेंडर होने से पहले एक इंसान है. उनका शरीर बाद में आता है. पहले वो एक सोचने-समझने, संवेदनाएं रखने वाले मनुष्य हैं. 

कितना आसान होता है, किसी के कपड़ों पर कमेंट कर देना. कपड़ों से कैरेक्टर का अंदाजा लगाना. और अच्छा या बुरा कैरेक्टर भी अपने हिसाब से तय कर देना. बचपन से हमारी ट्रेनिंग ऐसे की जाती है. हम शॉर्ट्स में आ सकते हैं. बुर्के या साड़ी में भी आ सकते हैं. जो हमसे अलग हो, जरूरी नहीं है कि वो गलत ही हो.

 

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