पीरियड से जुड़े 6 झूठ, जिसपर हम लड़कियां आसानी से यकीन कर लेती हैं

पीरियड का खून नॉर्मल खून से अलग होता है?

इतने झूठ बाबा! फोटो कर्टसी: Shutterstock/ IndiaPicture

“महीने के वो दिन चल रहें है, आचार मत खाना.”

“पीरियड हो रहे हैं न? ठंडे पानी से मत नहाओ.”

“एक्सरसाइज मत करो, और खून बहेगा.”

हम शर्त लगा कर कह सकते हैं कि इसमें से कम से कम एक बात तो आपने भी सुनी होगी. लोग अक्सर लड़कियों को पीरियड से जुड़ी सलाह मुफ्त बांटते रहते हैं. पर डराने वाली बात ये है कि ज़्यादातर लड़कियां इन सारी फ़िज़ूल बातों को सच मान लेती हैं. और वही करतीं हैं जो उनकी मम्मी, दादी, नानी कह जाती हैं. कई बार ये गलत धारणाएं उनकी सेहत के साथ गज़ब खिलवाड़ कर जाती हैं.

चलिए, पीरियड से जुड़े कुछ ऐसे ही आम झूठों का पर्दाफाश करतें हैं.

झूठ: औरतों को पीरियड के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए

सच: जी नहीं. इसमें कोई सच्चाई नहीं हैं. अगर आप एक्सरसाइज करना चाहतीं हैं, तो बेख़ौफ़ करिए. उल्टा हल्की-फुल्की एक्सरसाइज तो पीरियड में होने वाले दर्द से भी निजात दिलाती हैं. इसकी एक वजह ये है कि एक्सरसाइज करने से आपकी मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचता है. और आपकी मांसपेशियां थोड़ी रिलैक्स हो जाती हैं. और हां, जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो पसीना निकलता है. कुछ डॉक्टर्स ये भी मानते हैं कि पसीना पीरियड में उठने वाले दर्द को रोकता है. तो पीरियड के दौरान आप हफ्ते भर में 150 मिनट एक्सरसाइज आराम से कर सकती हैं.

झूठ: पीरियड पूरे एक हफ्ते चलना चाहिए

सच: न जी न. ये झूठ है. हर औरत की पीरियड साइकिल अलग होती है. तो हो सकता है कि आपके पीरियड्स तीन दिन में ही ख़त्म हो जाएं. या हो सकता है 1 हफ्ता चले. ये दोनों ही नॉर्मल है. उम्र के साथ, पीरियड लंबे या छोटे हो सकते हैं. तो बेफिक्र रहिये, आपके शरीर में कोई गड़बड़ नहीं है.

एस्ट्रोजन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है. जो आपके शरीर की ‘लेडीज’ चीज़ों को कंट्रोल करता है. जैसे कि आपके शरीर पर बाल. आपकी पतली आवाज़. आपकी सेक्स करने की इच्छा, वगैरह. खैर, इसी एस्ट्रोजन के कारण, हर महीने आपकी बच्चेदानी में एक परत बनती है. खून और प्रोटीन की. अब एस्ट्रोजन जितनी मात्रा में आपके शरीर में पैदा होता है, उतनी ही मोटी परत बनती है. और जितना कम, उतनी पतली.

अगर परत मोटी है तो पीरियड में खून ज़्यादा बहता है. अगर पतली है तो कम.

हर औरत की पीरियड साइकिल अलग होती हैं. फोटो कर्टसी: Shutterstock/ IndiaPicture हर औरत की पीरियड साइकिल अलग होती हैं. फोटो कर्टसी: Shutterstock/ IndiaPicture

झूठ: PMS जैसा कुछ नहीं होता

सच: अच्छा जी. जो भी ऐसा सोचता है वो बहुत बड़ी ग़लतफहमी में जी रहा है. पर सबसे पहले तो ये PMS आख़िर होता क्या है?

PMS का मतलब हुआ प्रीमेन्सट्रूअल सिंड्रोम. सरल शब्दों में कहें तो पीरियड शुरू होने से पहले जो आपका मूड ख़राब रहता है, वो इसी की मेहरबानी है. कुछ औरतों को पेट में दर्द होता है. किसी को सूजन हो जाती है. कोई ज़्यादा दुखी रहता है. पर ये सब काल्पनिक नहीं हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, PMS दुनिया में 50% औरतों को होता है. ये इसलिए होता है क्योंकि पीरियड के दौरान हमारे शरीर में हॉर्मोन्स की उथल-पुथल रहती है. इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है.

झूठ: औरतें पीरियड के दौरान प्रेगनेंट नहीं हो सकतीं

सच: ये पूरी तरह सच नहीं है. तो ज़रा बच के रहिए. सेक्स के दौरान अगर स्पर्म यानी शुक्राणु वेजाइना के अंदर रह जाये, तो वो पांच दिन तक जिंदा रहते हैं. यानी अगले पांच दिन तक वो अपना कमाल दिखा सकते हैं. तो भले ही आपको पीरियड हो रहे हों, कॉन्डम का इस्तेमाल ज़रूर करिए. अगर आप प्रेगनेंट होना नहीं चाहतीं तो.

कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करिए. फोटो कर्टसी: Shutterstock/ IndiaPicture कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करिए. फोटो कर्टसी: Shutterstock/ IndiaPicture

झूठ: पीरियड में निकलने वाला खून, नॉर्मल खून से अलग होता है

सच: ये सुनकर कई लोग चौंक जाएंगे पर पीरियड के दौरान निकलने वाला खून ‘नॉर्मल’ ही होता है. बस वेजाइना से निकलता है. इसमें वो चीज़े भी मिली होती हैं, जो आपकी बच्चेदानी में जमा हो जाती हैं. जैसे कि वेजाइना के टिश्यू, सेल्स, और बच्चेदानी में पाए जाने वाली परत के टुकड़े. आपकी नसों में जो खून बहता है, उस में ऊपर लिखी चीज़े नहीं मिली होतीं.

बहुत ज़्यादा अंतर नहीं होता है दोना में. फोटो कर्टसी: Pixabay बहुत ज़्यादा अंतर नहीं होता है दोना में. फोटो कर्टसी: Pixabay

झूठ: जो औरतें साथ में रहती हैं, उनको पीरियड भी साथ होते हैं

सच: ऐसा कई लोग सोचते हैं. पर ये सच नहीं है. पर मज़ेदार बात ये है कि ऐसा लोग 1970 से सोचते आ रहें हैं. अब आपके साथ ऐसा कई बार हुआ होगा कि आपकी मम्मी, आपकी बहन, और आपको एक साथ पीरियड हो गए. पर इसका ये हरगिज़ मतलब नहीं है कि इसके पीछे कोई साइंस हैं. अगर आप किसी औरत के साथ साल भर से ज्यादा रहें, तो ये मुमकिन है कि एक समय बाद आपकी साइकल पास आ जाए. क्योंकि हर औरत की पीरियड की तारीख खिसकती रहती है. 

 

 

 

 

 

 

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