पाकिस्तान में नेशनल आईडी के लिए ट्रांसजेंडरों का संघर्ष, CJP बोले- अब न हो भेदभाव

पाकिस्तान ने 2009 में ट्रांसजेंडर समुदाय को दिया था तीसरे जेंडर का दर्जा.

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस 'मिअन शाकिब निसर'. फोटो क्रेडिट - Reuters

साल 2011 में पाकिस्तान में एक फिल्म रिलीज़ हुई, फिल्म का नाम था ‘बोल’. इस फिल्म में आतिफ असलम ने मुख्य भूमिका निभाई थी. यह फिल्म अधिक बच्चे पैदा करने और ट्रांसजेंडर जैसे मुद्दे को केंद्र में रख कर बनी थी. अभी भी कई जगह ट्रांसजेंडर्स को समाज का हिस्सा नहीं माना जाता. समय के साथ जागरुकता आई है और लोग ट्रांसजेंडर्स को भी इंसान मानने लगे हैं.

कई देशों में ट्रांसजेंडर्स को तीसरे जेंडर का दर्ज़ा दिया गया है. 2009 में पाकिस्तान भी उन देशों में शामिल हुआ जहां ट्रांसजेंडर्स को तीसरे जेंडर का दर्ज़ा दिया गया है. इसके 9 साल बाद भी वहां ट्रांसजेंडर्स को ‘कम्प्यूटराइज़्ड नेशनल आईडी कार्ड’(सीएनआईसी) नहीं जारी किए गए हैं.

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मिअन शाकिब निसर ने ‘नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी’(नदारा) को निर्देश दिए हैं कि वह सभी ट्रांसजेंडर्स को ‘कम्प्यूटराइज़्ड नेशनल आईडी कार्ड’(सीएनआईसी) जारी करें. चीफ जस्टिस ने कहा है कि ट्रांसजेंडर्स द्वारा आवेदन करने के एक हफ्ते के अंदर उन्हें सीएनआईसी जारी हो जाएं. यह प्रक्रिया आसान भी रखी जाए.

ट्रांसजेंडर समुदाय का एक सदस्य, सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters ट्रांसजेंडर समुदाय का एक सदस्य, सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters

ईद के दिन चीफ जस्टिस लाहौर के फाउंटेन हाउस गए थे, वहां किसी व्यक्ति ने उन्हें बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है खासकर उन्हें सीएनआईसी लेने के दौरान बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

चीफ जस्टिस समेत दो जजों की बेंच ने इस केस पर लाहौर रजिस्ट्री में सुनवाई की. ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के कुछ सदस्य भी इस सुनवाई में मौजूद थे. सुनवाई के दौरान बेंच ने एक कमेटी गठित की. इस कमेटी में पंजाब चीफ सेक्रेट्री अकबर दुरानी, हेल्थ सेक्रेट्री नजाम शाह, अखुवत फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. अमज़द शाकिब, वकील हुमायूं सलीम और नादरा के एक ऑफिसर को शामिल किया गया. यह कमेटी ट्रांसजेंडर्स के मसले पर अपने सुझाव कोर्ट को देगी.

चीफ सेक्रेट्री ने बताया कि इस ही तरह की कमेटी जिलों और तहसील के स्तर पर भी बनी हुई हैं. इन कमेटियों का काम ही ट्रांसजेंडर्स को सीएनआईसी दिलाने में मदद करना है. चीफ सेक्रेट्री ने ये भी बताया कि सात दिन के भीतर ट्रांसजेंडर्स को सीएनआईसी देने की सभी सुविधाएं उनके पास हैं.

पाकिस्तान का झंडा ले जाता बच्चा. फोटो क्रेडिट - Reuters पाकिस्तान का झंडा ले जाता बच्चा. फोटो क्रेडिट - Reuters

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ‘निसर’ ने कहा कि कोर्ट कानून के दायरे में रह कर हर संभव प्रयास करेगा कि ट्रांसजेंडर्स को उनके अधिकार प्राप्त हों. कोर्ट ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ किया जाने वाला किसी भी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगा. चीफ जस्टिस ‘निसर’ ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सर्वाधिक नज़रअंदाज़ किया जाता है. उन्हें उनके सभी अधिकार मिलने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर समुदायों की रक्षा करने के लिए विशेष न्यायालय बनाए जाएंगे. चीफ जस्टिस ‘निसर’ ने कमेटी को निर्देश दिए कि वो ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए वर्कशॉप करवाएं.

पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला बेहतर समाज की ओर बढ़ता एक कदम है. किसी भी व्यक्ति से उसके जेंडर के आधार पर भेदभाव क्यों हो?

 

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