लड़के ने प्रेमिका को खोने के गम में ख़ुदकुशी की, पोस्टमॉर्टेम हुआ तो 22 साल से छुपा राज सामने आ गया

डॉक्टर्स धक् से रह गए, बहन को भी यकीन नहीं हुआ

पंजाब का एक जिला है मोहाली. अधिकतर लोग उसे क्रिकेट स्टेडियम के लिए जानते होंगे. या Indian School of Business के कैंपस के लिए. वहां चंडीगढ़ के पास पड़ने वाली एक जगह है. जीरकपुर. इसका फ्लाईओवर फेमस है. उस फ्लाईओवर के आस पास कई होटल है. चंडीगढ़ नज़दीक है काफी तो बिजनेस चलता है. इसी फ्लाईओवर के पास एक मैरेज पैलेस भी है. उसका नाम शायद कोई नहीं जानता होगा, आज सुबह तक.

कबीर की मौत तक.

कबीर राय. एक लड़का जो जीरकपुर फ्लाईओवर के पास के एक मैरेज पैलेस में काम करता था. जो 22 साल का था. अपनी बहन के साथ रहता था. मां बाप नहीं थे. कबीर जो पीयून था. जो एक दिन ओएसिस मैरिज पैलेस के स्टोर रूम में फांसी लगाकर मर गया.

कबीर जो लड़का नहीं, लड़की था.

dep-2_012019050128.jpgसांकेतिक तस्वीर: पिक्साबे

दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार मौलीजगरां (एक गांव है छोटा चंडीगढ़ के पास ही) के रहने वाले भाई-बहन कबीर और निर्मला के मां बाप उन्हें बचपन में ही छोड़कर चले गए थे. निर्मला को मौलीजगरां में रखकर कबीर यहां दिल्ली काम की तलाश में आ गया था. दो साल से ओएसिस मैरेज पैलेस में पीयून का काम कर रहा था. उसकी एक गर्लफ्रेंड भी थी.

कबीर ने जान तो दे दी. उसके बाद जब जांच हुई तो उसके पास से सुसाइड नोट मिला. उस सुसाइड नोट में लिखा था कि उसकी प्रेमिका ने 20 दिन पहले ख़ुदकुशी कर ली. उसके गम में अब वो भी नहीं जी पा रहा. इसलिए ख़ुदकुशी कर रहा है. उसकी अस्थियां भी उसी जगह बहा दी जाएं जहां उसकी प्रेमिका की अस्थियां बहाई गई थीं.

इसके बाद जब डेराबस्सी हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टेम हुआ. कुछ और ही सामने आया. आनन-फानन में कबीर की बहन को बताया गया. वो आई. उसके भाई की डेड बॉडी दिखाई गई. वो लाश एक लड़की की थी. निर्मला को यकीन नहीं हुआ. उसने कहा, उसका तो भाई था. लड़कों की तरह बिहेव करता था. निर्मला 20 साल की है. चंडीगढ़ के एक स्कूल में बस कंडक्टर है. आज तक उसे इस बात की तनिक भी खबर नहीं थी, कि उसका भाई दरअसल उसकी बहन है. 

rep-img-tw_750x500_012019050215.jpgबचपन से ही अपनी बड़ी बहन को भाई मानती आ रही थी निर्मला. सांकेतिक तस्वीर: ट्विटर

कबीर के आइडेंटिटी छुपाकर रहने की क्या वजह थी, इस पर जांच चलवाई जाएगी. हो सकता है वो शारीरिक रूप से लड़की होने के बावजूद लड़के की तरह महसूस करती हो. इसे जेंडर डिस्फोरिया  (Gender Dysphoria) कहा जाता है. अमेरिकन साइकेट्रिस्ट एसोसिएशन के अनुसार ये एक ऐसी कंडिशन है जिसमें लोग अपने शारीरिक जेंडर से अपोजिट जेंडर से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. कैसे शारीरिक रूप से कोई पुरुष होने के बावजूद खुद को भीतर से स्त्री महसूस कर सकता है. स्त्री खुद को पुरुष महसूस कर सकती है. कई लोग इस बात को खुले में आकर स्वीकार करते हैं. खुद को बदलने की कोशिश करते हैं. पहनावा, चाल-ढाल, हेयरस्टाइल, सब कुछ बदल लेते हैं.

dysp-pint_750x500_012019050315.jpgसांकेतिक तस्वीर: pinterest

इसका मतलब गे या लेस्बियन होना नहीं होता. इसका मतलब ये भी नहीं होता कि अगर कोई लड़का थोड़ा सा फेमिनिन है या अगर कोई लड़की थोड़ी टॉमबॉय जैसी है तो उन सबको जेंडर डिस्फोरिया होगा. नहीं होता ऐसा. जेंडर डिस्फोरिया सीरियस मामला है. इससे गुजर रहे लोग सचमुच खुद को दूसरे जेंडर में बदल डालना चाहते हैं. जो एफोर्ड कर सकते हैं, वो पैसे देकर हॉर्मोन ट्रीटमेंट लेते हैं. सर्जरी कराते हैं.

जो नहीं करा सकते, वो बस दोहरी जिंदगी जीते रह जाते हैं. सालों साल. कभी पूरी जिंदगी. जैसे कबीर ने जी.    

  

 

 

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