रीति पाठक को जब दोबारा टिकट मिला, तो कईयों ने इस्तीफा दे दिया था

इस बार फिर से जीत के काफी पास हैं.

रीति पाठक, मध्यप्रदेश के सीधी से बीजेपी सांसद हैं और इस लोकसभा चुनाव में सीधी लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी भी. 2014 में एक लाख से ज्यादा वोटों से जीती थीं. इस बार भी वो भारी मतों से जीत चुकी हैं. इनका मुकाबला कांग्रेस के अजय अर्जुन सिंह से था, जो हार चुके हैं.

सीधी जिले के खतखरी गांव में पैदा हुईं. रीवा में पढ़ाई की. लॉ में इन्होंने ग्रैजुएशन किया. इतिहास यानी हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएशन किया. इनका एक ख़ास 'लुक' है. हमेशा साड़ी, फुल स्लीव का ब्लाउज और सिर पर पल्ला रखती हैं. संसद में कार्यवाही के दौरान भी इन्हें ऐसे ही देखा जाता है.

riti-22-750x500_042319074917.jpgतस्वीर : ट्विटर.

कालेज और स्कूल के समय ये पढ़ाई के अलावा खेलकूद जैसे एक्टिविटी में काफी सक्रिय थीं. NCC  यानी नेशनल कैडेट कॉर्प्स, जो आर्म फोर्स की यूथ विंग है, उससे जुड़ी. 1997 में इन्होंने रजनीश पाठक से शादी की. सीधी से ही इन्होंने महिलाओं के लिए सामाजिक कार्य करना शुरू किया था. ये जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में खड़ी भी हुईं और जीतीं भी.

सीधी सीट का नाम उस समय चर्चा में आया जब बीजेपी की तरफ से ये सीट दोबारा रीति पाठक को दी जा रहा थी. और पार्टी के ही जिला अध्यक्ष कांतदेव सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. इतना ही नहीं, पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी इस बात का विरोध करने लगे थे. जबकि बीजेपी के चुनाव समिति ने इसकी घोषणा की थी.  

हुआ कुछ ऐसा था कि एक बार लोकसभा चुनाव लड़ने और उसे जीतने के बाद कांतदेव नहीं चाहते थे कि रीति पाठक दोबारा मैदान में आएं. वो खुद इस चुनावी रेस का हिस्सा बनना चाहते थे. टिकट का ऐलान हुआ तो लोग विरोध करने लगे. कांतदेव ने आव न देखा ताव इस्तीफा दे डाला. इसके साथ ही और लोगों ने भी अपना इस्तीफा दे दिया. इसमें सांसद रीति पाठक के चचरे भाई और जिला उपाध्यक्ष अरुण देव पांडेय, जिला मंत्री संतोष वर्मा, प्यारे लाल समेत कई नेता और कार्यकर्ता शामिल थे.

riti-2-750x500_042319074935.jpgतस्वीर : ट्विटर.

वो सब तो ठीक है, पर काम कितना किया?

जिला अध्यक्ष कांतदेव ने इस्तीफा तो दिया और आरोप भी लगाया. उनके मुताबिक रीति पाठक जिस सीट से जीती थीं, उन्होंने उस क्षेत्र के लोगों के लिए और उस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया. उन्होंने जो आदर्श गांव भी गोद लिया था, उसका विकास भी नहीं किया.

हालांकि रीति पाठक तो बीजेपी से चुनाव लड़ेंगी. उधर, कांग्रेस से अजय अर्जुन सिंह चुनाव लड़ेंगे. 2014 में रीति ने कांग्रेस के इंद्रजीत पटेल को हराया था. अब इस सीट पर किसकी जीत और हार होती है, ये मई के आने वाले नतीजे ही बताएंगे.

 

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