किरण खेर ने एक बार फिर चंडीगढ़ सीट से किया कमबैक
कभी सीरियस तो कभी मजाकिया रोल में दिखीं, अब दोबारा सांसद बनीं.
किरण, किरण ठाकर सिंह, किरण बेरी और अब किरण खेर. 'देवदास' की सुमित्रा चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद थीं और एक बार फिर उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की है. बीजेपी ने इन्हें चंडीगढ़ से ही अपना प्रत्याशी बनाया था. सामना इनका कांग्रेस के प्रत्याशी पवन कुमार बंसल से हुआ, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा.
इन्होंने कई फिल्मों में चुलबुली मां का रोल किया है. इन्हें कई सीरियस और इमोशनल सीन्स करते देखा गया है. राजनीति में भी इनका रोल दोनों तरह के कॉम्बीनेशन में मिला है.
तस्वीर : ट्विटर.
इनका कोई विवादित जीवन रहा नहीं. हां एक बार इन्होंने एक रेप केस पर सुझाव जरूर दिया था. मामला कुछ ऐसा था कि एक महिला ऑटो में थी. उस ऑटो के चालक और उसके साथियों ने महिला का रेप किया. बात चंडीगढ़ की है. तो किरण खेर ने कहा था कि
जब पहले से ही तीन आदमी बैठे हुए हैं उसमें, तो आपको बेटा उसमें नहीं चलना चाहिए.
जिसके बाद किरण खेर विपक्ष के निशाने पर तो आईं हीं, उन्हें सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रोल किया गया था.
फिर सफाई भी दी और कहा
देखिए जमाना खराब है, तो बच्चियों को, हमको, महिलाओं को थोड़ी एहतियात बरतनी चाहिए. कि अगर एक ऑटो में तीन आदमी बैठे हैं पहले से, तो थोड़ा ध्यान रखना चाहिए. एक मां के तौर पर मैं ऐसा कर रही हूं. (as a mother i am saying this). अगर विपक्ष को इसका राजनीतिकरण करना है तो मैं इसका कुछ नहीं कर सकती.
- 2016 की बात है. चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम था. गृहमंत्री राजनाथ आए हुए थे. सांसद किरण खेर भी मौजूद थीं. फिर क्या था. उन्होंने चंडीगढ़ के लिए मंत्री जी से एक-दो करोड़ नहीं पूरे एक हजार (1000) करोड़ रुपए की डिमांड कर डाली. लेकिन मंत्री जी ने हाथ खड़े किए और कहा कि किरण काम अच्छा कर रही है, लगता है दूसरी पारी की तैयारी कर रही है.
हालांकि विपक्ष के मुताबित पांच सालों में कोई काम नहीं हुआ है. लेकिन किरण खेर ने एक वीडियो ट्वीट किया. जिसमें वहां की जनता बीजेपी सांसद का बखान कर रही है.
वार्ड नं 12 की कहानी,जनता की जुबानी ।बहुत बहुत शुक्रिया मेरे शहर के वार्ड 12 के लोगों का , आपका साथ ही है मेरा विश्वास 🙏🏻 #MyCityMyPeople #Chandigarh pic.twitter.com/gutnPvTgOZ
— Chowkidar Kirron Kher (@KirronKherBJP) October 29, 2018
तस्वीर : ट्विटर.
- #meToo के दौरान भी किरण विवादों में घिर गईं थीं. उन्होंने साजिद खान को लेकर एक बयान दिया था. जी साजिद वही हैं, जो एक फिल्ममेकर हैं और #meToo का शिकार हुए थे, हाउसफुल-4 के सेट पर. तो किरण ने कहा था कि
मैं साजिद को काफी समय से जानती हूं, अभी तक मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है. तो मैं उसके बारे में कुछ बोल नहीं सकती, इस बारे में तो अच्छी तरह से साजिद या वो लड़की ही बता सकती है, जिसने आरोप लगाए हैं. मैं नहीं बोलना चाहती कुछ. न तो मैंने देखा है और न ही मैंने अनुभव किया है.
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पीएम यानी प्रधानमंत्री को सदन की कार्यवाही के दौरान जाकर गले लगाने वाली बात पर किरण ने कहा थि कि अब राहुल गांधी का अगला कदम बॉलीवुड की तरफ होगा.
- किरण खेर राजनीति में भी सक्रिय रही हैं. इनकी संसद में अटेंडेंस 84 फीसद रही है. इन्होंने 38 डिबेट में हिस्सा लिया है और 338 प्रश्न पूछे हैं.
- 14 जून, 1955 को किरण जट सिख परिवार में पैदा हुईं. चंडीगढ़ में पली बढ़ीं. किरण खेर के भाई थे, जो 2003 में गुजर गए. दो बहने हैं. किरण ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है. पंजाब यूनिवर्सिटी से थिएटर में ग्रैजुएशन किया है. गौतम बेरी से इनका ब्याह हुआ. जो मुंबई के नामी बिजमैनस मेन में से एक थे. इनका एक बेटा हुआ, सिकंदर. जिसे अनुपम ने अपना कर इसे अपना सरनेम दिया और अब सिकंदर खेर के नाम से जाना जाता है.
- उसके बाद अनुपम खेर के साथ 1985 में ब्याह हुआ. 2003 में जब किरण 48 साल की हुईं तो इन्होंने अपना नाम किरण खेर कर लिया. इन्हें देश की दादीमां से भी जाना जाता है.
तस्वीर : ट्विटर.
- किरण ने राजनीति में आने से पहले फिल्म इंडस्ट्री में चप्पल घिसी हैं. उन्होंने 1980 के दौर से अपना फिल्मी करिअर मुंबई में शुरू किया. काफी भटकीं. भटकने के दौरान उनकी मुलाकात हुई अनुपम खेर से. जो पहले से ही भटक रहे थे. हालांकि दोनों एक दूसरे को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से जानते थे.
-1983 में इन्हें आखिरकार काम मिला. पंजाबी फिल्म में डेब्यू किया. नाम था आसरा प्यार दा. 1985 में अनुपम खेर को भी ब्रेक मिला सारांश से. उधर किरण ने अपने पति को तलाक दे दिया.
- अनुपम और किरण खेर ने एक फिल्म में पति-पत्नी का किरदार निभाया. उस फिल्म का नाम पेस्तानजी था. रोल छोटा था लेकिन दोनों की रील लाइफ से रीयल लाइफ यहीं से शुरू हुई.
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-इन्होंने कई टीवी शोज भी किए हैं. महिलाओं के मुद्दों के लिए भी कई शोज किए हैं. पहली फिल्म जिसको करने के बाद इन्हें स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया था, वो थी श्याम बेनेगल की सरदारी बेगम. ये फिल्म 1996 में रिलीज हुई थी.
-कई फिल्मों के बाद 2002 में आई देवदास. पारो की मां सुमित्रा को रोल लोगों को काफी पसंद आया और इन्हें फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया. बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस का. इसके बाद इन्हें 2015 तक इंडस्ट्री से काम के लिए कई अवार्ड मिले. हालांकि आज भी ये कलर्स चैनल पर आने वाले India’s Got Talent को जज करती हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में 724 महिला कैंडिडेट मैदान में उतरीं. इसके साथ ही 4 ट्रांस महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. इन सभी महिला कैंडिडेट में कुछ पार्टी की ओर से तो कुछ अकेले यानी निर्दलीय चुनाव में खड़ी हुईं थीं. बीजेपी ने 53, कांग्रेस ने 54, बीएसपी ने 24, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने 23, सीपीआई (एम) ने 10 महिला उम्मीदवार को टिकट दिया था. बाकी 222 महिलाएं ऐंसी थीं, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. साथ ही चार ट्रांस महिलाएं भीं थीं, जिसमें सिर्फ आम आदमी पार्टी ने एक ट्रांस महिला को टिकट दिया. बाकी की निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं थीं.
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