ये कैसी बीमारी है, जिसमें औरत को 'जलपरी' पैदा हुई?

क्या है मर्मेड सिंड्रोम?

साइरेनोमीलिया यानी मर्मेड सिंड्रोम की प्रतीकात्मक तस्वीर. फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

महाराष्ट्र के बीड में 21 मई को एक बच्चे का जन्म हुआ. वो बच्चा था या बच्ची ये नहीं पता चल सका. क्योंकि बच्चे के दोनों पैर आपस में जुड़े हुए थे. शरीर दिखने में मछली जैसा था. वो नवजात बस 15 मिनट तक ही जिंदा रहा. उसे साइरेनोमीलिया यानी मर्मेड सिंड्रोम था.

इस नवजात का जन्म अंबाजोगाई के स्वामी रामानंद तीर्थ रूरल गवर्नमेंट हॉस्पिटल में हुआ था. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे का शरीर मछली जैसा था. वजन 1.8 किलोग्राम था. शरीर का ऊपरी हिस्सा काम कर रहा था. लेकिन निचले हिस्से का विकास नहीं हुआ था. बच्चे की मां ठीक है. वो मजदूरी करती है. उसने 8वें महीने में सोनोग्राफी कराई थी. डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां ने कोई दवाई नहीं ली थी.

इस बच्चे को जो बीमारी थी, वो सिंड्रोम 60 हजार-एक लाख नवजात में से किसी 1 बच्चे को होने की आशंका रहती है.

 पेरू की मिलाग्रस सरन, जिन्हें 'लिटिल मर्मेड' कहा गया. फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स पेरू की मिलाग्रस सरन, जिन्हें 'लिटिल मर्मेड' कहा गया. फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

ये जलपरी वाला सिंड्रोम क्या है?

Sirenomelia यानी मर्मेड सिंड्रोम एक पैदाइशी बीमारी है. जिसमें बच्चे के पैर आपस में जुड़े होते हैं. बच्चे के शरीर का ऊपरी हिस्सा नॉर्मल होता है, लेकिन निचला हिस्सा मछली की पिछले हिस्से जैसा लगता है. जैसे जलपरी होती है न आधी औरत और आधी मछली. इसीलिए इस बीमारी को मर्मेड सिंड्रोम नाम दिया गया है. इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में अलग-अलग लक्षण देखे जाते हैं.

1. शरीर का निचला हिस्सा विकसित नहीं होता. मतलब निचले अंगों का विकास नहीं हुआ रहता.

2. रीढ़ की हड्डी नहीं मौजूद रहती.

3. किडनी नहीं होती.

4. कुछ बच्चों में इस सिंड्रोम का हल्का सा अंश रहता है. ऐसे बच्चों का पैर टखनों से जुड़ा होता है.

5. पैर एक ही होता है, लेकिन उसमें दो पैरों की हड्डियां होती हैं.

क्या इसका ट्रीटमेंट हो सकता है?

मर्मेड सिंड्रोम वाले बच्चे या तो मरे हुए पैदा होते हैं या फिर पैदा होने के कुछ समय बाद मर जाते हैं. अगर वो बच जाते हैं, तो उनके लिए जिंदा रहना मुश्किल भी होता है. इस सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के लिए सर्जरी ही एक रास्ता है. तमाम सर्जरी करने के बाद भी उनके जीवित रहने की संभावना कम होती है. कुछ बच्चों की सर्जरी भी संभव नहीं होती. पेरू में जन्मी मिलाग्रस सरन, जिन्हें 'लिटिल मर्मेड' कहा गया. उनके दोनों पैरों को सर्जरी के जरिए अलग-अलग किया गया था. हालांकि मिलाग्रस की कई बार सर्जरी करनी पड़ी थी.

 पेरू की मिलाग्रस सरन की सफल सर्जरी हुई थी. फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स पेरू की मिलाग्रस सरन की सफल सर्जरी हुई थी. फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

मर्मेड सिंड्रोम से पीड़ित होने की वजह क्या है?

ये सिंड्रोम किस वजह से होता है, इसके बारे में डॉक्टर्स पुख्ता तौर पर नहीं बताते. मर्मेड सिंड्रोम होने की असल वजह पता नहीं है. रिसर्चर्स मानते हैं कि इस विकार के पीछे कुछ पर्यावरणीय और जेनेटिक फैक्टर्स होते हैं, जो स्पष्ट नहीं हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं इस सिंड्रोम के ये कारण हो सकते हैं:

1. प्रेग्नेंसी के दौरान अगर मां को कोई गंभीर बीमारी हो.

2. कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट या किसी चीज़ की कमी भी इस सिंड्रोम की वजह हो सकती है.

3. मेंटल स्ट्रेस.

भले ही इस बीमारी का कारण बता पाना मुश्किल हो, लेकिन जरूरी है कि जब भी कोई औरत प्रेग्नेंट हो, तो सभी तरह की सावधानियां बरते. पौष्टिक खाने से लेकर साफ-सफाई, मेडिसिन और हेल्दी लाइफस्टाइल तक.

 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group