महिला के जिस गंजेपन का सोशल मीडिया ने मजाक उड़ाया, उसपर मेहंदी का रंग गज़ब खिलता है

किसी का मजाक उड़ाने के पहले उनके संघर्षों के बारे में सोचें.

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
जुलाई 11, 2018
अनसतसिया ने कीमो के कारण बाल झड़ने से सर पर मेहंदी लगवाई

सोनाली बेंद्रे को कैंसर हुआ तो सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन्स की भीड़ लग गई. लोगों के कमैंट्स देख कर लगा जैसे उन्हें बीमारी हो गई है, इतना दुख था उन कमैंट्स में. लोगों को अक्सर कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनकर डर ही लगता है. लोगों का यह दुख बीमार कौन है इस आधार पर बदल जाता है.

अब देखिए सोनाली बेंद्रे को कैंसर हुआ तो सब को दुख हुआ.(होना भी चाहिए) लेकिन यही दुख तब ट्रोल्स में बदल गया जब एक महिला ने कैंसर से बाल झड़ने के कारण अपने सिर पर महंदी लगवाई.

लोग अनसतसिया को ट्रोल कर रहे हैं. लोग अनसतसिया को ट्रोल कर रहे हैं.

काफी दिनों से एक महिला की तस्वीर को ट्रोल किया जा रहा है. इन्होंने अपने सिर पर मेहंदी लगाई जिसकी तस्वीरों का लोग सोशल मीडिया पर मज़ाक बन गया.

ये महिला हैं अनसतसिया हैं. इन्हें कैंसर है. कैंसर में कीमोथेरेपी के कारण इनके बाल झड़ गए हैं. सर पर बालों का नहीं होना कहीं-न-कहीं उन्हें परेशान करता था. हम सभी को करता. फिर उन्हें हिना थेरेपी के बारे में पता चला. एक सेलून के बारे में भी पता चला जो ये थेरेपी देता है. अनसतसिया ने सेलून में जाकर अपने सर पर मेहंदी लगवाई. जिसका वीडियो एजेप्लस नाम के फेसबुक पेज ने शेयर किया. इस वीडियो के शेयर होते ही लोगों ने इनका मज़ाक बनाना शुरू कर दिया.

अनसतसिया को मेहंदी लगातीं आर्टिस्ट अनसतसिया को मेहंदी लगातीं आर्टिस्ट

ये सेलून रूस के पर्म शहर में है. सेलून की मालिक खुद कैंसर से लड़कर ठीक हुई हैं. इससे होने वाली परेशानियों से वो अच्छी तरह वाकिफ़ हैं. इसलिए उन्होंने तय किया कि वो बाकी लोगों को इससे लड़ने के लिए हिम्मत देंगी. मेहंदी थेरेपी इसी का हिस्सा है. इस सेलून में उस मरीज़ों के सिर पर मेहंदी लगाई जाती है जिनके बाल कैंसर के कारण झड़ गए हैं. मेहंदी कैंसर के मरीज़ों के लिए लाभदायक होती है. मेहंदी मरीज़ों को ठंडक देती है. साथ ही ये ऑर्गेनिक भी होती है.

कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. कैंसर मरीज़ों के लिए इससे लड़ना बहुत मुश्किल होता है. ये बीमारी आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करती है. ऐसे में खुद की सच्चाई को दुनिया के सामने स्वीकार करना हिम्मत का काम है. इस कदम के लिए अनसतसिया की सराहना की जानी चाहिए न कि उन्हें ट्रोल करना चाहिए. इस परिस्थिति में उन्हें हमारे समर्थन की ज़रूरत है. हमें इस समय में उनको हिम्मत देना चाहिए. उनका मज़ाक नहीं बनाना चाहिए.

 

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