RLD नेता अजीत सिंह स्मृति ईरानी के शरीर पर भद्दी टिप्पणी कर रहे हैं, किस मुंह से महिला वोट मांगेंगे?
अगर ये मजाक है तो इस पर हंसी नहीं तरस आना चाहिए.
पार्टी कोई भी हो, बनती तो लोगों से ही है. लोग कौन? वही जो हमारे और आपके बीच पलते बढ़ते हैं. वहां से आगे जाते हैं. इसी समाज का प्रोडक्ट होते हैं. जो गंदगी सभी सीखते हैं, वही उनके भीतर भी बजबजाती है. जितनी कोशिश कर ली जाए, ये सीखा हुआ नहीं छूटता.
इसीलिए राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह ने बेहूदा बयान दे दिया है. हमने पहले भी इस मुद्दे पर बात की थी कि जब औरतों की बेइज्जती की बात आती है या स्त्री विरोधी बातें करने की बात होती है, तब सारी पार्टियां एक हो जाती हैं. इस बार अजीत सिंह ने स्मृति इरानी के बारे में उलटी बात की है.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक जनसभा करने पहुंचे थे अजीत सिंह. उनकी इस सभा में अश्लील नाच करवाया गया भाषण से पहले. फिर अपने भाषण में उन्होंने बोला कि खेतों में घुस आने वाले छुट्टे बछड़े और बैल उनके यहां योगी और मोदी कहे जाते हैं.
हट्टी कट्टी गाय को देखकर स्मृति ईरानी भी कह देते हैं. विडियो ये रहा:
माना कि स्मृति ईरानी आपकी पॉलिटिकल अपोनेंट हैं. माना कि आपको उनकी पॉलिटिक्स से नफरत है. माना कि आपको मुहावरों में बात करने की बड़ी तेज तलब है. लेकिन इसका मतलब ये थोड़े ही है कि अपनी राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी महिला के लिए गाय भैंस जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे आप.
गाय भी नहीं, हट्टी-कट्टी गाय.
मतलब आपको उनकी शारीरिक बनावट पर भी तंज कसना ही था. क्यों? क्योंकि वो महिला हैं? महिला होने की वजह से ही मायावती की शक्ल पर मजाक बनते हैं. सोनिया के चरित्र पर कीचड़ उछलता है. शाजिया इल्मी के फोटो मॉर्फ़ होते हैं. राणा अयूब की फेक पोर्न विडियोज चलती हैं.
गलती से भी मत कहिएगा कि ये मज़ाक है. मज़ाक किसी की सहमति के साथ हो, उसकी हंसी शामिल करके किया जाए तो मजाक होता है. किसी के शरीर और उसकी शक्ल को लेकर भद्दे मजाक करना अश्लीलता की श्रेणी में आता है. राजनीति को गन्दा करने वाले ही दूसरों से उम्मीद रखते हैं कि वो इसकी सफाई करेंगे. नहीं होगा अजीत सिंह आपसे. जब तक आप ऊल जलूल बोलते रहेंगे, हम आप पर नज़रें गड़ाए रहेंगे.
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