राजधानी दिल्ली में हर दिन 10 औरतों का रेप होता है, इसी बात पे महिला दिवस मुबारक हो

दिल्ली पुलिस का ये डाटा आप कभी भी देख सकते हैं, पर आज देखिए.

लालिमा लालिमा
मार्च 08, 2019
दिल्ली में साल 2012 में रेप के 706 केस सामने आए थे. फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट

दिल्ली पुलिस ने औरतों के खिलाफ होने वाले अपराधों का रिकॉर्ड इकट्ठा करके रखा. और ये आंकड़ा मेल टुडे ने दिल्ली पुलिस से जुटाया. अब ये आंकड़े हम आपके सामने रखने जा रहे है. दिल्ली में साल 2012 में रेप के 706 केस सामने आए थे. लेकिन 2018 में इनकी संख्या बढ़ गई. पिछले साल रेप के 2,135 केस सामने आए. यानी 2012 से 2018 के बीच इन मामलों में 202 फीसद की बढ़ोत्तरी हो गई.

अगर यौन शोषण की बात करें, तो साल 2012 में शोषण के 727 केस सामने आए. वहीं 2018 में इसकी संख्या 3,314 हो गई. यानी 355 फीसद की बढ़ोत्तरी. किडनैपिंग की बात करें, तो 2012 में 2048 मामले सामने आए थे. 2018 में 3,482 केस सामने आए. यानी 70 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई.

girl-1822702_960_720_750x500_030819023615.jpgपिछले साल रेप के 2,135 केस सामने आए. प्रतीकात्मक तस्वीर. pixabay

 

आपमें से कोई ये तर्क भी रख सकता है, कि 6 साल में दिल्ली की जनसंख्या भी तो बढ़ी होगी, इसलिए अपराध भी बढ़े होंगे. तो आपको बता दें कि 2012 से 2018 के बीच दिल्ली की जनसंख्या महज 18 फीसद ही बढ़ी है.

अब ज़रा इन आकड़ों के औसत पर भी बात करते हैं. अगर आप प्रतिदिन के हिसाब से एवरेज निकालेंगे, तो साल 2018 में हर दिन रेप के 6 केस सामने आए हैं. वहीं अगर 2012 में हर दिन दो औरतें यौन शोषण का शिकार होती थीं, तो 2018 में ये संख्या 9 पर पहुंच गई.

dark-1869803_960_720_750x500_030819023625.jpgअगर यौन शोषण की बात करें, तो साल 2012 में शोषण के 727 केस सामने आए. प्रतीकात्मक तस्वीर. pixabay

25 साल की निकिता प्राइवेट जॉब करती हैं. वो कहती हैं, 'मैं वैसे तो रात में अकेले सफर करना पसंद नहीं करती हूं. कोशिश करती हूं कि ऐसा कुछ न करना पड़े. लेकिन जब कभी मुझे कहीं जाना पड़ता है रात में, अकेले, तो मैं अपने फोन को पूरा चार्ज करती हूं. और कोशिश करती हूं कि मेरे किसी न किसी दोस्त को तो पता ही रहे कि मैं कहां हूं. मैं पूरे समय सतर्क रहती हूं.'

पुलिस का तर्क भी जान लीजिए

2012 में हुए निर्भया केस की वजह से कानून में थोड़ा बदलाव जरूर हुआ है, लेकिन इससे औरतों की सुरक्षा बढ़ी हो, ऐसा तो कुछ नहीं हुआ है. रेप और यौन शोषण के केस बढ़ने पर JCP देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने सफाई भी दी. उनका कहना है कि केस बढ़े नहीं हैं, लेकिन अब ये रिपोर्ट होने लगे हैं. पहले होते नहीं थे. अब औरतें रिपोर्ट कर देती हैं, क्योंकि अब वो ज्यादा सशक्त महसूस करने लगी हैं.

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