जया प्रदा के लिए बेहूदा बात कहते हुए आज़म खान को शर्म ना आई, अब बात से पलट रहे हैं

उल्टी बात बोलकर फंस गए तो अब बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ रहे हैं

प्रेरणा प्रथम प्रेरणा प्रथम
अप्रैल 15, 2019

'आज़म खान साहब मैंने आपको भाई कहा, लेकिन आपने मुझे बहन के नाम से बददुआ दी, आपने मुझे ज़लील किया. क्या हमारे भाई कभी इस नज़र से देखते हैं कि मैं नाचने वाली हूं? इसलिए मैं रामपुर छोड़ कर जाना चाहती थी. मैंने मुलायम सिंह जी को भी बताया कि मेरी अश्लील तसवीरें रामपुर में घुमा रहे हैं, मुझे बचाइए, लेकिन रामपुर में किसी नेता ने मुझे बचाने की कोशिश नहीं की. तो मुझे रामपुर मजबूरी में छोड़ कर जाना पड़ा. मैं रामपुर नहीं छोड़ना चाहती थी. मैं रामपुर इसलिए छोड़ कर गई क्योंकि मुझे उस दिन तेज़ाब से अटैक करने के लिए सोचा था. मेरे ऊपर हमला किया था'.

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले शनिवार यानी 13 एप्रिल 2019 को रामपुर लोकसभा सीट, उत्तर प्रदेश में हो रही है रैली में जया प्रदा ने ये बातें कहीं. ये बताएं आज़म खान के कमेन्ट के जवाब में कही गई थीं जिसमें तथाकथित रूप से आज़म खान ने जया प्रदा को नाचने वाली कहा था.

लेकिन आज़म खान के लिए ये कोई पहली बार नहीं है जब उन्होंने कोई घटिया बात कही है. जया प्रदा को तो अक्सर निशाने पर लेते रहते हैं. लेकिन ऐसी क्या दुश्मनी है दोनों के बीच?

jaya-prada_750_041519102734.jpgजया प्रदा के ऊपर आज़म खान ने पहले भी भद्दे कमेन्ट किए हैं

असल में मोटा-मोटी मामला ये है कि जया प्रदा ने तेलुगु देशम पार्टी से पॉलिटिक्स शुरू की. लेकिन उसके बाद समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. कहते ये हैं कि इसमें आज़म खान ने उनकी मदद की. इधर की राजनीति में फिट होने में मदद की. फिर जया प्रदा 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ीं और जीतीं. 2010 में अमर सिंह से बढ़ती बातचीत पार्टी के पॉवर वाले लोगों को खल गई. 2010 में जया को पार्टी से निकाल दिया गया. अब वो बीजेपी में हैं. रामपुर से उन्हें टिकट मिला है. आज़म खान समाजवादी पार्टी से लड़ेंगे. उसी लोकसभा सीट पर.

अब हुआ ये कि आज़म खान ने 14 एप्रिल यानी इस सोमवार को रामपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा,

‘आपने दस साल अपना प्रतिनिधित्व कराया. उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे. मैं सत्रह दिन में पहचान गया कि नीचे का जो अंडरवियर है वो खाकी रंग का है’.

इस पूरे मामले पर बवाल हुआ. नेशनल कमीशन ऑफ विमेन ने इसका संज्ञान लिया. जब इस पर मीडिया ने छीछालेदर शुरू की, तब आज़म खान ने सफाई दी. ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा,

‘मैं दिल्ली के एक व्यक्ति का जिक्र कर रहा था जो अस्वस्थ है. जिसने कहा था- मैं 150 राइफलें लेकर आया था और अगर मैंने उस दिन आजम खान को देखा होता तो गोली मार देता.' उसके बारे में बात करते हुए, मैंने कहा, 'लोगों को जानने में काफी समय लगा और बाद में पता चला कि उसने आरएसएस के शॉर्ट्स पहने थे.'

ये क्लासिक केस है अपनी गर्दन छुड़ाने का.

aazam-khan_750_041519102829.jpgआज़म खान अब किसी तरह से इस बयान से पल्ला छुड़ाने की कोशिश में नज़र आ रहे हैं

आज़म खान,

  1. अव्वल बात, किसी भी राजनैतिक मंच से किसी के अंडरवियर पर कमेन्ट करने का क्या तुक है? ये कौन सी भाषा है जिसका इस्तेमाल करके आप लोगों के वोट खींचना चाहते हैं?
  2. जया प्रदा आपकी पॉलिटिकल राइवल हैं. उनकी पॉलिटिक्स की छीछालेदर करिए. उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या काम कराए और क्या नहीं, उस पर लोगों से बात कीजिए. लेकिन ये घटिया और एकदम वाहियात बयान देकर आप कुछ नहीं कर रहे, बस नज़रों में गिर रहे हैं. ये क्या बात हुई कि बिना सोचे समझे किसी भी महिला के अंडरवियर पर कमेंट कर आप सोच रहे हैं कि वोट जीत ले जाएंगे. लोगों को इम्प्रेस कर लेंगे. यही पॉलिटिक्स है आपकी?
  3. अगर आप ये कह रहे हैं कि आप ने किसी मर्द के लिए ये शब्द इस्तेमाल किया. तो ये बताइए किसके लिए किया. क्योंकि आपकी कही हुई बाक़ी सारी बातें तो जया प्रदा की तरफ ही इशारा कर रही थीं, और ये बात आप भी बखूबी जानते हैं और हम भी. 

राजनीति में इस तरह के बयान नए नहीं हैं. और रुक भी नहीं रहे हैं. इससे साबित कुछ नहीं होता. बस ये पता चल जाता है कि किसी भी औरत को नीचा दिखाने के लिए गिरी हुई बातें कहना, उसका कैरेक्टर एसेसिनेशन करना, भद्दी बातें करना आपको पॉवर में लाने और रखे रहने के लिए काफी है. आज़म खान तो बस ट्राइड एंड टेस्टेड फार्मूला अपना रहे हैं.  

सुषमा स्वराज ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके मुलायम सिंह यादव के इस पर एक्शन लेने की गुज़ारिश की. 

 

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