'प्रेम करना अब मेरे लिए कविता सा सुंदर नहीं रहा': 12 की उम्र में 50 साल का टीचर यौन शोषण करता था

5 साल पहले अपने टीचर का शिकार हुई लड़की बताती है, किस तरह उसका बचपन बर्बाद हुआ.

उमा मिश्रा उमा मिश्रा
अप्रैल 15, 2019

'मुझे याद है, हमेशा बड़ों की इज़्ज़त करना सिखाया गया. 'बड़े हैं' यह कहकर उन्हें गैरजरूरी सम्मान दिया जाता है. हमारे मम्मी-पापा ने हमें अजनबियों से कुछ भी लेने से मना किया, जिन लड़कों से हम मिलते थे, उनसे सावधान रहने को कहा. लेकिन जिस व्यक्ति ने मेरा बचपन छीन लिया, वह व्यक्ति वो था जिस पर मेरे मम्मी-पापा ने मुझे पढ़ाने के लिए भरोसा किया. मैं गणित में हमेशा से कमजोर थी और मुझे अच्छा ग्रेड चाहिए था. इसके लिए वह आया था- सफेद पूरी बांह की शर्ट, फॉर्मल पैंट, अजीब सी मुस्कान और चोरों वाली चाल ढाल.

उसने 12 साल की बच्ची का कई तरह से ब्रेन वॉश करना शुरू किया. अगर आप 'ग्रूमिंग' टर्म जानते हों, तो यह उसका क्लासिक केस है. यह आदमी 50 की उम्र का था. मतलब ऐसा, जिस पर आप उसकी उम्र के नाते भरोसा कर लेंगे.

अगली चीज जो मैं जानती हूं, मैं बाथरूम में उल्टियां कर रही थी. क्योंकि उसने सेक्सुअली असॉल्ट किया था मुझे, ऐसा कि मैं उस घटना को दोबारा याद भी नहीं करना चाहती. यह सब वह दो महीने तक करता रहा. जब तक कि कोई घटना होने तक उसे ट्यूशन से हटा नहीं दिया गया. 

col_750x500_041519041502.jpgललिता के द्वारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई आपबीती. तस्वीर : इंस्टाग्राम और फेसबुक

मेरी कहानी बहुत कॉम्प्लीकेटेड है, उलझी हुई और खून में सनी हुई है. इसमें खून से साइन किए हुए लेटर हैं, बाइबिल पर हाथ रखकर खाई हुई कसमें हैं और किसी को बताने पर आत्महत्या की धमकियां हैं. उसका नाम सुनील दुआ है. इसने अपने गंदे टच और घिनौनी नजरों से मेरा बचपन बरबाद किया. यहां तक कि अब मैं किसी लड़के को किस नहीं सकती क्योंकि मेरे सामने उसका गन्दा चेहरा आ जाता है. अब ये सब करना मेरे लिए किसी कविता की तरह सुंदर नहीं हो सकता, हो ही नहीं सकता.

इन बातों को 5 साल बीत चुके हैं. लेकिन आज भी ये सब मुझे डरा देता है. मैं उन छोटी बच्चियों के प्रति जिम्मेदारी महसूस करती हूं, जो आगे इस व्यक्ति के घिनौनेपन का शिकार बन सकती हैं. अगर मेरी इस बात से किसी को लगता है कि मैं अटेंशन सीकर हूं, तो वह मुझे तुरंत अनफ्रेंड और ब्लॉक कर दें. वो व्यक्ति आज भी अशोक नगर और जार्ज टाउन (प्रयागराज) में क्लास ले रहा है, एल चिको (एक कॉफी शॉप) जा रहा है, सामान्य जिंदगी जी रहा है, जैसे कि ज़्यादातर यौन राक्षस करते हैं. मैं भगवान पर भरोसा नहीं करती, लेकिन फिर भी प्रे करती हूं की उसे सजा मिले. मैंने सालों तक अपना मुंह बन्द रखा। लेकिन अब समय आ गया है, दोस्तो. मैं अपनी बेड़ियों को तोडूं और आपके सामने वो गुस्सा ज़ाहिर होने दूं, जो मैंने अब तक दबा रखा था.'

ये बातें उस पीड़ित बच्ची ललिता (काल्पनिक नाम) की है, जिसके साथ उसके ट्यूशन टीचर ने सेक्शुअल असॉल्ट किया है. वह जब क्लास 6 में थी, तब उसके साथ इतना कुछ हुआ. ललिता के पिता ने ऑडनारी को बताया कि उनकी बेटी प्रयागराज में थी, जब उसके साथ इतना कुछ हुआ. नवंबर, 2018 में वह जब 18 साल की हुई, तब उसने हिम्मत दिखाई और हल्का-सा मुझे बताया. पर पूरी बात फिर भी नहीं पता थी.

ashish-dua_750_041519035410.jpgकॉफी शॉप में फरार आरोपी सुनील दुआ। तस्वीर : फेसबुक.

उसके मार्च में 12वीं के इग्जाम चल रहे थे. खत्म हुए. तीन दिन पहले उसने अपने इंस्टाग्राम पेज पर पूरी बात लिखी, पोस्ट की. उसके बाद उसके पिता ने अपने फेसबुक वॉल पर उसके पोस्ट का हिंदी ट्रांस्लेशन किया. पिता ने बताया कि आरोपी सुनील दुआ एल चीको में आए हुए लोगों से बताता था कि वह ट्यूशन पढ़ता है. अगर जरूरत हो तो उससे संपर्क करें.

एक दिन ललिता की पूरी फैमली यानी भाई, बहन और मम्मी-पापा सभी एल चीको गए थे. वहीं उनकी मुलाकात सुनील दुआ से हुई थी. उन्होनें अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए सुनील दुआ को हायर किया. वह घर पर शाम के वक्त पढ़ाने के लिए आने लगे. घर पर मम्मी होती थीं. दो साल में ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर के कई कमरों को बदला गया. ये कहकर कि इस कमरे में ज्यादा डिस्टर्बेंस होती है. ललिता के पिता ने बताया कि सुनील शादीशुदा नहीं था. वह अशोक नगर में एक प्राइवेट कोचिंग में पढ़ाता था. जॉर्ज टाउन में भी पढ़ाता था, लेकिन अब वहां नहीं है.

ललिता के पिता ने बताया कि उन्होंने कल आरोपी सुनील दुआ के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी है. हालांकि अभी वह शहर में नहीं है. उसकी कल लोकेशन दिल्ली और आज कानपुर की लोकेशन दिखी है. पुलिस उसे जल्द से जल्द ढूंढ निकालेगी.

 

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