प्राइवेट पार्ट काटे जाने के बाद 50 लड़कियां अस्पताल में भर्ती

खतने के नाम पर इन लड़कियों को दिए गए गंभीर घाव.

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
सितंबर 25, 2018
एक खतरनाक प्रथा है खतना. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters

गलत तरह से खतना करने की वजह से 50 महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. खबर है अफ्रीका के बुर्किना फासो देश की. यहां पर फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन जिसे आम भाषा में हम खतना कह सकते हैं, एक प्रथा है. हज़ारों महिलाओं को इस दर्द से गुज़रना पड़ता है. हालांकि 1996 में बुर्किनो फासो में इसे गैर कानूनी घोषित कर दिया था. फिर भी प्रथा के नाम पर अभी तक इसका पालन किया जाता है.

दुनिया के कई समुदायों में ‘खतना’ को एक प्रथा की तरह माना जाता है. औरतों का खतना उनकी सेक्सुअल डिज़ायर्स (सेक्स करने की इच्छा) को खत्म करने के लिए होता है. इस प्रथा के अनुसार औरतों के ‘क्लिटरिस’ को काट दिया जाता है. यह खाल का एक छोटा सा टुकड़ा होता है जो लड़कियों के वल्वा (जिन्हें हम वजाइना के लिप्स यानी बाहरी भाग कहते हैं) के ठीक ऊपर होता है. यह बहुत ही दर्दनाक प्रथा है.

सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters

इसके कई खतरे हैं. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द, सेक्स के दौरान बहुत अधिक दर्द, यहां तक कि पेशाब करने में भी दर्द हो सकता है. डॉ. माला खन्ना एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. दिल्ली में प्रैक्टिस करती हैं. उन्होंने बताया कि ख़तने की वजह से पेशाब करने में बहुत तकलीफ होती है. अलग-अलग प्रकार के इन्फेक्शन हो जाते है. सिस्ट यानी गांठे हो जाती हैं. यहां तक कि जब वो बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं तो उन्हें काफी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

खतना बचपन में ही कर दिया जाता है. उस समय बच्चों को पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है. 

सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट - Reuters

बुर्किनो फासो में कुछ लोगों को इस घटना के बाद गिरफ्तार किया गया है. दो साठ साल की औरतों और उन बच्चियों में से कुछ के माता-पिता को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. इस अपराध के लिए तीन साल तक की सज़ा का प्रावधान है. 4 से 6 सितंबर के बीच इन बच्चियों का जेनिटल म्यूटिलेशन किया गया. फासो प्रशासन का कहना है कि इनमें से कुछ लड़कियां उम्र बहुत कम है. कुछ की उम्र तो 4 साल तक है.  

बीबीसी के अनुसार, डॉक्टर्स ने बताया है कि कुछ लड़कियों की हालत बहुत नाज़ुक है. उन्हें गंभीर घाव हुए हैं. 22 सालों से बुर्किनो फासो में एफजीएम गैर कानूनी है फिर भी लगभग तीन चौथाई औरतों को इसका शिकार होना पड़ता है.

‘द गार्जियन’ के अनुसार 17 सितंबर तक इनमें से तीन लड़कियों की मौत हो गई थी.

 

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