मम्मी-पापा ने बच्ची को नया आइफ़ोन दिलाने से पहले साइन करवाया कॉन्ट्रैक्ट
12 शर्तें जिससे वह मिसयूज़ न करे
आजकल बच्चा-बच्चा स्मार्ट्फ़ोन या टैबलेट लिए घूमता है. शायद आपके बच्चे के पास भी उसका अपना एंड्रॉयड, आइफ़ोन या आइपैड होगा. नहीं भी है तो वह आपका फ़ोन या लैपटॉप यूज़ करना जानता ही होगा. चाहे गेम्स खेलने के लिए हो, या म्यूज़िक सुनने, या फ़िल्में देखने के लिए.
दस साल की यासमीन को भी काफ़ी टाइम से अपना फ़ोन चाहिए था. मलेशिया के कुआला लंपुर में रहने वाली यासमीन कई दिनों से आइफ़ोन की ज़िद कर रही थी. कई मां-बाप की तरह उसके पैरेंट्स भी इस उम्र में उसे फ़ोन दिलाने से कतरा रहे थे. वे समझ नहीं पा रहे थे कि उनकी बेटी कितनी ज़िम्मेदार और भरोसेमंद है. क्या वह एक फ़ोन पूरी ज़िम्मेदारी से यूज़ कर पाएगी? पढ़ाई-लिखाई और बाकी चीज़ों से उसका ध्यान तो नहीं भटक जाएगा?
काफ़ी सोचने के बाद उन्होंने यासमीन को उसका पहला आइफ़ोन दिला दिया. साथ में उन्होंने उसे 12 शर्तों वाला कॉन्ट्रैक्ट थमाया. एक साल का यह कॉन्ट्रैक्ट रिन्यूएबल है. यानी एक साल बाद यह दोबारा लागू किया जा सकता है. यासमीन को बताया गया कि इस कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के मंज़ूर होने पर ही उसे फ़ोन दिया जाएगा. और एक भी शर्त तोड़े जाने पर पापा फ़ोन वापस ले लेंगे.
यह है वह कॉन्ट्रैक्ट. फोटो क्रेडिट: फ़राह सैफ़ुल
यासमीन की बड़ी बहन फ़राह मेलबर्न विश्वविद्यालय में पढ़ती है. उसने कॉन्ट्रैक्ट और यासमीन की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर डाल दीं. जो कुछ ही देर में वायरल हो गईं.
कॉन्ट्रैक्ट साइन करती यास्मिन. फोटो क्रेडिट: फ़राह सैफ़ुल
कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें हैं:
- रोज़ सुबह उठकर सबसे पहले नमाज़ अदा करना है.
- फ़ोन बैटरी फ़ुल होने तक ही उसे चार्जिंग पे लगाए रखना होगा. उसके बाद ही उसे चार्जर से निकाला जा सकता है.
- कभी भी फ़ोन डिस्चार्ज नहीं होने देना है. इससे बैटरी खराब होती है.
- मम्मी या पापा का फ़ोन यूज़ करने की इजाज़त नहीं है.
- फ़ोन बाथरूम में नहीं ले जाना है.
- फ़ोन स्कूल नहीं ले जाना है.
- खाना खाते वक्त फ़ोन नहीं चलाना है.
- कोई ऐप डाउनलोड करने से पहले मम्मी-पापा से पूछना है.
- डेटा संभलकर खर्च करना है. लिमिट से ज़्यादा डेटा मांगने की इजाज़त नहीं है. मम्मी-पापा चाहें तो डेटा गिफ़्ट कर सकते हैं.
- हफ़्ते में कम से कम छह बार क़ुरान पढ़ना है.
- फ़ैमिली के साथ बाहर होने पर दोस्तों से बात नहीं करनी है.
- ट्यूशन मिस नहीं करना है.
फ़राह ने कहा कि उसकी बहन को इन शर्तों से कोई प्रॉब्लम नहीं है. यासमीन समझती है कि यह उसके भले के लिए ही रखी गई हैं. फ़राह को यासमीन ने बताया कि वह जानती है उसको ज़िम्मेदार और भरोसे लायक होना सीखना ज़रूरी है. फ़राह यह भी कहती है, ‘यासमीन यह फ़ोन डिज़र्व करती है. इसे कमाने के लिए उसने बहुत मेहनत की है. कई दिनों तक घर का काम वही करती थी ताकि उसे यह फ़ोन दिया जाए.’
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